चम्पावत जिला अस्पताल में नौ गायनाकोलाॅजिस्ट रोस्टर से कराएंगी प्रसव, रोस्टर के हिसाब से लगी ड्यूटी
चम्पावत। चम्पावत जिला अस्पताल में अब नौ गायनाकोलॉजिस्ट रोस्टर के हिसाब से ड्यूटी करेंगी और प्रसव कराने का काम करेंगी। इसके लिए शासन स्तर से स्वास्थ्य विभाग ने रोस्टर तैयार कर लिया है। 15 जुलाई को प्रसूता की मौत के बाद शासन स्तर से चम्पावत जिला अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ को लाने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन 26 जुलाई तक अल्मोड़ा से संबद्ध स्त्री रोग विशेषज्ञ के नहीं आने के बाद शासन को नया तरीका निकालना पड़ा।
जिला अस्पताल में रोस्टर के हिसाब से तीन जिलों की गायनाकोलॅजिस्ट गर्भवती महिलाओं का इलाज करेंगी। महानिदेशक चिकित्सा एवं परिवार कल्याण देहरादून तारा आर्या ने इसके लिए 25 जुलाई को आदेश जारी कर दिए हैं। 24 अक्तूबर 2024 तक रोस्टर बनाकर जारी कर दिया है। महानिदेशक ने प्रांतीय स्वास्थ्य और चिकित्सा सेवा (पीएमएचएस) संवर्ग में कार्यरत नौ स्त्री रोग विशेषज्ञों को जनहित में तात्कालिक प्रभाव से जिला चिकित्सालय चम्पावत में कार्य करने के लिए रोटेशन के अनुसार अनिवार्य रूप से तैनात करने के आदेश दिए हैं। तीनों जिलों के सभी सीएमओ को संबंधित स्त्री रोग विशेषज्ञों को रोटेशन के हिसाब से कार्यमुक्त करने के भी निर्देश दिए गए हैं। इधर स्वास्थ्य विभाग ने नदारद स्त्री रोग विशेषज्ञों का आरोप पत्र डीजी हेल्थ को भेज दिया है।
सीएमओ डॉ.केके अग्रवाल ने बताया है कि स्वास्थ्य महानिदेशक देहरादून ने पीएमएचएस संवर्ग की नौ स्त्री रोग विशेषज्ञों को रोटेशन के हिसाब से चम्पावत जिला अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ के तौर पर कार्य करने के आदेश जारी किए हैं। 27 जुलाई से 24 अक्तूबर तक रोस्टर तैयार किया गया है। नदारद स्त्री रोग विशेषज्ञों का आरोप पत्र भी तैयार कर डीजी हेल्थ को भेज दिया है। डीएम को भी पत्र भेजा गया है।
नदारद स्त्री रोग विशेषज्ञों ने नहीं दिया पत्रों का कोई जवाब
चम्पावत। जिला अस्पताल में कार्यरत दोनों स्त्री रोग विशेषज्ञ जुलाई प्रथम सप्ताह से नदारद हैं। विभाग ने दो बार इनको पत्र प्रेषित कर आपदा अधिनियम में कार्रवाई की बात भी कही लेकिन स्त्री रोग विशेषज्ञों का कोई जवाब नहीं आया है। महानिदेशक देहरादून को दोनों स्त्री रोग विशेषज्ञों से वसूली को लेकर भी पत्र भेजा गया।
बता दें कि अस्पताल में तैनात एक गायनोकॉलोजिस्ट डॉ. प्रियंका कांडपाल दो सप्ताह के मेडिकल अवकाश पर हैं। जबकि दूसरी डॉ. मंदाकिनी तबीयत खराब होने की बात कहकर तीन जुलाई से अस्पताल में नहीं हैं। यह गायनोकॉलोजिस्ट पूर्व में मातृत्व अवकाश पर भी थी। इसके बाद गायनोकॉलोजिस्ट बिना किसी लिखित पत्र के अवकाश पर चली गई हैं, लेकिन वह अब तक नहीं आई हैं। इसके बाद एलएमओ को अस्पताल में प्रसव की जिम्मेदारी दी। 15 जुलाई को सामान्य प्रसव के बाद लोहाघाट की प्रसूता की मौत के बाद स्वास्थ्य महकमा जागा और 16 जुलाई को अल्मोड़ा अस्पताल की स्त्री रोग विशेषज्ञ को चम्पावत अस्पताल संबद्ध किया गया। इसके अलावा विभाग ने तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की गई। समिति को प्रसूता की मौत की जांच कर इसकी आख्या पांच दिन में विभाग को देनी थी, लेकिन इतना कुछ होने के बाद भी वर्तमान तक कोई भी व्यवस्था नहीं हो पाई है। अब लोगों को उम्मीद है कि रोस्टर के हिसाब से गायनाकोलॉजिस्ट यहां आकर गर्भवतियों का इलाज करेंगी।
रोस्टर के हिसाब से कौन कब करेगा ड्यूटी
चिकित्सक- वर्तमान तैनाती स्थान
डॉ. रैनी पांगती- महिला अस्पताल हल्द्वानी- 27 जुलाई से 8 अगस्त।
डॉ. कृतिका भंडारी-जिला चिकित्सालय अल्मोड़ा-6 से 15 अगस्त।
डॉ. काजल भंडारी- जिला चिकित्सालय अल्मोड़ा- 16 से 25 अगस्त।
डॉ. अमिता कुमारी- उप जिला चिकित्सालय रानीखेत- 26 अगस्त से 4 सितंबर।
डॉ. निशा रानी-महिला चिकित्सालय हल्द्वानी- 5 से 14 सितंबर।
डॉ. बबीता जोशी-महिला चिकित्सालय हल्द्वानी-15 से 24 सितंबर।
डॉ. नम्रता पांडे-जिला चिकित्सालय रुद्रपुर-25 सितंबर से 4 अक्तूबर।
डॉ. प्रियंका लस्पाल-जिला चिकित्सालय अल्मोड़ा-5 से 14 अक्तूबर।
डॉ. कनक बनौधा-सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र किच्छा- 15 से 24 अक्तूबर।