चम्पावत में दो अस्पतालों ने प्रसूता को किया रेफर, एंबुलेंस में कराया बच्चे का जन्म
चम्पावत। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के विधानसभा क्षेत्र वाले जिले चम्पावत के सरकारी अस्पतालों का ढर्रा नहीं बदल रहा है। जनपद के अस्पतालों में तैनात डॉक्टरों की लापरवाही से अस्पताल एक बार फिर चर्चा में हैं। गर्भवती महिला को जनपद के दो अस्पतालों में उपचार नहीं मिल सका। पहले पाटी पीएचसी ने बच्चे की धडक़न में दिक्कत बताकर रेफर किया। उसके बाद जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने बगैर उपचार के उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया। बाद में गर्भवती ने हायर सेंटर ले जाते वक्त एंबुलेंस में स्वस्थ्य बच्चे को जन्म दिया। जच्चा बच्चा का टनकपुर उप जिला अस्पताल में उपचार चल रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पाटी ब्लॉक के सकदेना निवासी हेमा (22) पत्नी दीपक चंद्र गर्भवती थी। डॉक्टरों ने जनवरी माह में डिलीवरी की डेट दी थी। दिक्कत होने पर वह रात्रि करीब दस बजे पाटी पीएचसी पहुंची। जहां डॉक्टरों ने देखने के बाद बच्चे की धडक़न में दिक्कत होने की बात कही और रेफर कर दिया। परिजन ठंड में जैसे तैसे गर्भवती को लेकर करीब एक बजे जिला अस्पताल पहुंचे। जहां डॉक्टरों ने बगैर उपचार करें उन्हें हायर सेंटर रेफर कर दिया। एंबुलेंस से हायर सेंटर जाते वक्त रात्रि तीन बजे सूखीढांग के पास गर्भवती हेमा ने एक स्वस्थ्य बच्चे को जन्म दिया। जिसके बाद गर्भवती को टनकपुर उप जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार दीपक के भाई चंद्रशेखर व भाभी सुनीता ने डॉक्टरों पर अनदेखी का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों ने हेमा को सही से नहीं देखा। सवाल पूछा है कि जिला अस्पताल में दो-दो स्त्री रोग विशेषज्ञ किस लिए हैं। जब गर्भवतियों को उन्हें रेफर ही करना है। रात्रि में कोई भी गायनकोलॉजिस्ट हेमा को देखने नहीं आई। वहां मौजूद डॉक्टर ने बगैर सही से देखे रेफर कर दिया। मामले में सीएमओ डा. केके अग्रवाल ने कहा कि यह गंभीर बात है कि जिला अस्पताल में दो-दो गायनी होने के बाद भी मरीज को रेफर किया जा रहा है। मामले में डॉक्टरों से स्पष्टीकरण लिया जाएगा।