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सीएम धामी की कैबिनेट बैठक में 36 प्रस्तावों पर लगी मुहर, सौ एकड़ जमीन पर बनेगा कुमाऊं का एम्स

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बुधवार शाम को कैबिनेट मीटिंग आयोजित हुई। बैठक 36 प्रस्तावों पर चर्चा के बाद मंत्रियों ने उस पर मुहर लगा दी है। सरकार ने 100 निवेशकों को राहत दी है। उत्तराखंड सरकार ने राज्य में उद्योग लगाने के बाद भी सब्सिडी का लाभ न ले पाने वाले निवेशकों को बड़ी राहत दे दी है। उद्योग लगाने से पहले एमएसएमई में प्री रजिस्टेशन न होने की वजह से खड़ी हो रही बाधा को दूर करते हुए अब ऐसे निवेशकों को भी सब्सिडी देने का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बुधवार शाम को कैबिनेट मीटिंग में यह फैसला लिया है। राज्य में 2015 की एमएसएमई नीति के तहत कई उद्योग लगाए गए थे। इसमें से 100 के करीब निवेशक ऐसे थे जिन्होंने नीति के तहत उद्योगों की स्थापना की, लेकिन एमएसएमई के तहत प्री रजिस्ट्रेशन नहीं करा पाए। ऐसे निवेशकों को उद्योग विभाग से सब्सिडी नहीं मिल पा रही थी। इन निवेशकों की ओर से लगातार सरकार पर सब्सिडी के लिए दबाव बनाया जा रहा था। उद्योग विभाग की ओर से एमएसएमई नीति के तहत लगे इन उद्योगों को भी सब्सिडी देने का प्रस्ताव तैयार किया गया था। जिस पर अब कैबिनेट ने मुहर लगा दी है। इससे राज्य में 100 के करीब निवेशकों को सब्सिडी का रास्ता साफ हो गया है।

एम्स की ब्रांच के लिए निशुल्क दी जाएगी 100 एकड़ जमीन
कुमाऊं में ऋषिकेश एम्स की ब्रांच के लिए सरकार किच्छा में 100 एकड जमीन निशुल्क देगी। एम्स की सेटेलाइट ब्रांच के लिए 100 एकड़ जमीन की जरूरत होगी। केंद्र सरकार ने राज्य से इस ब्रांच की स्थापना के लिए निशुल्क जमीन उपलब्ध कराने को कहा था। इसके बाद अब राज्य सरकार ने केंद्र को यह जमीन निशुल्क देने पर मुहर लगा दी है। कुमाऊं में बनने वाली एम्स की ब्रांच को तकनीकी तौर पर सेटेलाइट केंद्र कहा जाएगा, लेकिन बनेगा यह एम्स ऋषिकेश की तर्ज पर। उन्होंने बताया कि कुमांऊ में बनने वाली एम्स की ब्रांच एक तरह का पूरा एम्स होगा और उसमें ऋषिकेश एम्स की तरह ही सभी विभाग होंगे। विदित है कि कुमाऊं में एम्स स्थापना की मांग लम्बे समय से हो रही थी। पिछले कार्यकाल में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के समाने यह मांग उठाई थी। उसके बाद केंद्र सरकार ने ऐन चुनावों से पहले कुमाऊं में एम्स के सेटेलाइट केंद्र की स्थापना को मंजूरी दी थी। अब इसी सेंटर की स्थापना के लिए सरकार ने किच्छा में 100 एकड भूमि निशुल्क देने का निर्णय लिया है।

मोबाइल टावर लगाने के लिए फीस तय
प्रदेश कैबिनेट ने मोबाइल टावर लगाने के लिए एक समान फीस तय कर दी है। अब तक विकास प्राधिकरण, नगर निकाय से लेकर ग्राम पंचायतें अलग- अलग दरों से फीस वसूल रही थी, जिस कारण मोबाइल कंपनियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। अब सरकार ने प्राधिकरण क्षेत्र में प्रति टॉवर अधिकतम पचास हजार रुपए की फीस तय की है। इसी तरह निकाय क्षेत्र में 25 हजार फीस ली जाएगी। जबकि मैदानी ग्रामीण क्षेत्र में 10 हजार और पर्वतीय क्षेत्र में पांच हजार प्रति टॉवर की फीस ली जाएगी। मुख्य सचिव एसएस संधु ने बताया कि अब तक अलग अलग नियम होने से कंपनियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था। उन्होंने बताया कि अब नियमों में स्पष्टता से यह बाधा दूर हो जाएगी, इससे मोबाइल कनेक्टविटी बेहतर होने की उम्मीद है। इससे पूर्व सरकार कंपनियों को टॉवर लगाने के लिए विशेष प्रोत्साहन भी दे चुकी है।

कैबिनेट बैठक में इन प्रस्तावों पर लगी मुहर

  • स्वास्थ्य विभाग में एक्सरे टेक्नीशियन के पदों के लिए अब 100 नम्बर का प्रश्नपत्र आएगा
  • मंत्रिमंडल ऑफिस में भी अब ई मंत्रिमंडल सेवा शुरू होगी
  • किच्छा में एम्स के लिए 100 एकड़ भूमि निशुल्क देने को मंजूरी, ऋषिकेश एम्स की तरह ही होगा सेटेलाइट केंद्र
  • एमएसएमई नीति के तहत जमीन आवंटन अब सर्किल रेट से जोड़ा जाएगा
  • सोनप्रयाग के लिए भी मास्टरप्लान तैयार किया जाएगा, केदारनाथ में काम कर रही एजेंसी ही निर्माण एजेंसी
  • मेट्रो स्टेशन के करीब भवनों की ऊंचाई बढ़ाने की नीति को मंजूरी
  • पहाड़ में टनल बेस्ड पार्किंग की नीति को मंजूरी, 50 से 60 वाहनों की हो सकेगी पार्किंग। आरवीएनएल, टीएचडीसी को कार्यदाई संस्था बनाया
  • राज्य में बनने वाले उच्च स्तरीय मिटिगेशन स्टडी सेंटर के नियम मंजूर
  • यूएसनगर जिले के कलक्ट्रेट में छह दिन की हड़ताल के बदले कर्मचारियों को वेतन देने का निर्णय
  • एमएसएमई के अन्तर्गत प्लॉट ऑफ सैड के बिक्री को सर्कल रेट से लिंक करने की मंजूरी।
  • विधानसभा सत्रावसान को मंजूरी दी गई।
  • कौशल एवं सेवायोजन विभाग से सम्बन्धित अनुदेशक सेवा नियमावली 2007 संशोधन की मंजूरी।
  • किच्छा शुगर मिल से सम्बन्धित वार्षिक प्रतिवेदन को विधानसभा पटल पर रखने की मंजूरी दी गई।
  • चीनी मिल गदरपुर की सरप्लस भूमि को सरकारी विभागों की आवश्यकता पूरी करने के बाद अन्य के लिये निस्तारण की मंजूरी।
  • अधीनस्थ चयन आयोग समीक्षा अधिकारी, वैयक्तिक सहायक एवं सहायक लेखाकार पदो का सम्विलियन सेवा नियमावली को मंजूरी।
  • देहरादून मसूरी रोपवे में टर्मिनल निर्माण में उंचाई वृद्धि के लिये छूट को मंजूरी।
  • उत्तराखण्ड इलैक्ट्रोनिक विज्ञापन मान्यता संशोधन सेवा नियमावली को मंजूरी।
  • विद्युत नियामक प्राधिकरण से सम्बन्धित प्रतिवेदन विधानसभा पटल पर रखा जायेगा।
  • केदारनाथ बद्रीनाथ में नये मास्टर प्लान के तहत कन्सलटैंसी शुल्क 3 से बढ़ाकर 4 प्रतिशत करने को मंजूरी।
  • मेट्रो स्टेशन के समीप व्यवसायिक उंचे भवनों को सैद्धान्तिक अनुमति दी गई। जिससे अधिक संख्या में आम जन एक स्थल से मेट्रो स्टेशन तक पहुंच सके।
  • हरिद्वार जिला पंचायत चुनाव में ट्रिपल टेस्ट आयोग्यता निर्धारण के लिये मा0 न्यायालय से अनुरोध किया जायेगा, ताकि जल्द चुनाव हो सके।
  • उत्तराखण्ड लैंड स्लाइड मिटीगेशन इन्सट्टयूट से सम्बन्धित नियमावली को मंजूरी दी गई। यह संस्था भूस्खलन को रोकने तथा ट्रीटमेंट पर कार्य करेगी।