जनपद चम्पावत

चम्पावत नगरपालिका बोर्ड की बैठक में ईओ को कार्यमुक्त करने के प्रस्ताव पर लगाई मुहर

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चम्पावत। पालिकाध्यक्ष और ईओ के बीच तकरार कम होने का नाम नहीं ले रही है। इसी कड़ी में पालिका बोर्ड बैठक में सर्वसम्मति से ईओ को वित्तीय और प्रशासनिक कार्य से कार्यमुक्त करने का प्रस्ताव पास किया गया है। साथ ही उनके स्थान पर विभागीय ईओ की तैनाती के लिए सचिव को पत्र भेजा है। वहीं ईओ का कहना है कि उन्हें नियुक्त या हटाने का अधिकार केवल शासन को है।
जब से भूपेंद्र प्रकाश जोशी चम्पावत नगरपालिका के ईओ बने हैं, चम्पावत नगरपालिका चर्चाओं में बनी हुई है। शुरू से ही ईओ और पालिकाध्यक्ष के बीच अनबन होने लग गई थी। जो लगातार बढ़ती गई। मामला कोतवाली तक भी पहुंच गया। इस वजह से चम्पावत नगरपालिका क्षेत्र में विकास कार्य पूरी तरह से ठप हो गए हैं। पेमेंट न होने के चलते ठेकेदार सबसे ज्यादा परेशान हैं। पालिकाध्यक्ष विजय वर्मा का कहना है कि ईओ की तैनाती शासन से प्रतिनियुक्ति के आधार पर की गई है। तैनाती के बाद से ही ईओ अनैतिक और मनमाने ढंग से कार्य कर रहे हैं। ईओ उनके और बोर्ड के आदेश की बार-बार अवहेलना कर रहे हैं। बीते 22 अक्तूबर को ईओ को निविदाओं को निरस्त करने के लिए कहा गया, लेकिन बोर्ड के इस आदेश की अवहेलना की गई। कहा कि बीते 11 नवंबर को प्रस्तावित बैठक का एजेंडा भी तैयार नहीं किया गया। कहा कि इससे आहत होकर 12 नवंबर को बोर्ड ने नगर पालिका अधिनियम 1916 की धारा 58 के तहत ईओ को वित्तीय और प्रशासनिक कार्य से कार्य मुक्त करने का निर्णय लिया है। साथ ही विभागीय ईओ की तैनाती की मांग को लेकर शहरी विकास विभाग को पत्र भेजा गया। इधर, ईओ भूपेंद्र प्रकाश जोशी का कहना है कि उन्हें हटाने या तैनात करने का अधिकार सिर्फ शासन को है। कहा कि नियुक्ति के बाद से ही वे लगातार पालिका हित में कार्य कर रहे हैं। नियुक्ति के बाद से ही लाखों रुपये का राजस्व और अन्य कर वसूले जा चुके हैं। साथ ही कर्मचारियों के हित में कई फैसले लिए गए हैं। कहा कि पालिकाध्यक्ष उन पर गलत कार्य करने के लिए दबाव डाल रहे हैं। वे बगैर दबाव में आए पालिका हित में कार्य कर रहे हैं। इसी वजह से पालिकाध्यक्ष उन पर गलत आरोप लगा रहे हैं।

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नवीन सिंह देउपा

नवीन सिंह देउपा सम्पादक चम्पावत खबर प्रधान कार्यालय :- देउपा स्टेट, चम्पावत, उत्तराखंड