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उत्तराखंड : आपदा प्रभावितों के लिए राहत में बढ़ोतरी, पूर्ण क्षतिग्रस्त आवासों पर अब ₹5 लाख तक की सहायता

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राज्य सरकार की नई पुनर्वास नीति से आपदा पीड़ित परिवारों को मिलेगा सशक्त सहारा

चम्पावत। जिलाधिकारी मनीष कुमार ने बताया कि मानसून सत्र 2025-26 के दौरान प्राकृतिक आपदाओं से हुई क्षति के सापेक्ष राहत सहायता वितरण हेतु शासन से प्राप्त नवीन दिशा-निर्देशों के अनुसार राहत और पुनर्वास की व्यवस्था को सुदृढ़ किया गया है। उन्होंने कहा कि 5 अगस्त 2025 के उपरांत राज्य के विभिन्न जनपदों में आपदा से प्रभावित परिवारों को त्वरित राहत एवं पुनर्वास सहायता प्रदान करने के लिए राज्य सरकार द्वारा नई व्यवस्थाएँ लागू की गई हैं।

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जिलाधिकारी ने बताया कि आपदा में मृतकों के आश्रितों को कुल ₹5 लाख की सहायता राशि प्रदान की जाएगी, जिसमें से ₹4 लाख राज्य आपदा प्रतिक्रिया निधि (SDRF) से तथा ₹1 लाख मुख्यमंत्री राहत कोष से अनुमन्य होगा। उन्होंने बताया कि आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त भवनों को भी एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की रिकवरी एवं पुनर्निर्माण विंडो के तहत सहायता प्रदान की जाएगी।

मैदानी क्षेत्रों में:

— कुल क्षति (70% से अधिक) पर ₹1.80 लाख
— गंभीर क्षति (30–70% तक) पर ₹0.90 लाख

पहाड़ी क्षेत्रों में:
— कुल क्षति (70% से अधिक) पर ₹2.00 लाख
— गंभीर क्षति (30–70% तक) पर ₹1.00 लाख सहायता अनुमन्य होगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी की घोषणा के अनुरूप, पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त आवासीय भवनों के प्रभावितों को अतिरिक्त सहायता प्रदान की जाएगी —

— पहाड़ी क्षेत्रों में: ₹2.00 लाख एसडीआरएफ मद से + ₹3.00 लाख मुख्यमंत्री राहत कोष से = कुल ₹5.00 लाख।

— मैदानी क्षेत्रों में: ₹1.80 लाख एसडीआरएफ मद से + ₹3.20 लाख मुख्यमंत्री राहत कोष से = कुल ₹5.00 लाख।

जिलाधिकारी ने आगे बताया कि राज्य सरकार ने दैवीय आपदाओं से प्रभावित ग्रामों एवं परिवारों के पुनर्वास हेतु एक व्यापक विस्थापन नीति भी निर्धारित की है, जिसके अंतर्गत —

— भवन निर्माण हेतु ₹4.00 लाख,
— कृषि भूमि के स्थान पर बंजर भूमि दिए जाने की स्थिति में सुधार हेतु प्रति हेक्टेयर ₹15,000,
— पशुपालक परिवारों के लिए गौशाला निर्माण हेतु ₹15,000,
— विस्थापन भत्ता ₹10,000 तथा पुनर्वासित ग्रामीण दस्तकारों को अपने व्यवसाय पुनः प्रारंभ करने हेतु ₹25,000 की धनराशि प्रदान की जाएगी।

उन्होंने कहा कि 5 अगस्त 2025 के उपरांत आई आपदा से प्रभावित गांवों एवं परिवारों को उपरोक्त पुनर्वास नीति के अंतर्गत जिलाधिकारी स्तर से निर्णय के उपरांत लाभान्वित किया जाएगा। जिलाधिकारी मनीष कुमार ने कहा कि राज्य सरकार की यह पहल आपदा प्रभावित परिवारों के जीवन एवं आजीविका को शीघ्र सामान्य करने की दिशा में एक संवेदनशील और ठोस कदम है।