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यूथ कांग्रेसियों की पत्रकारों से भिड़ंत पर करन माहरा ने जताया खेद, पुलिस को ठहराया दोषी

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देहरादून। बुधवार को देहरादून में पत्रकारों के साथ यूथ कांग्रेसियों की हुई झड़प का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। पत्रकार इस मामले पर बेहद नाराज हैं। दरअसल बीते रोज यूथ कांग्रेस ने बढ़ती बेरोजगारी, नशा, निकाय और पंचायत चुनाव को लेकर सचिवालय कूच किया था। बड़ी संख्या में सचिवालय घेराव करने पहुंचे यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और नेताओं को पुलिस ने सुभाष रोड पर बेरिकेडिंग लगाकर रोक दिया था।

यहां कांग्रेसजन नशा नहीं रोजगार दो के नारे लगाते हुए बैरियर पर चढ़ गए और हंगामा करने लगे। इसके बाद पुलिस ने कई नेताओं को हिरासत में ले लिया और पुलिस लाइन ले गई। पुलिस लाइन में उस समय प्रेस क्लब की ओर से क्रिकेट टूर्नामेंट का फाइनल मैच चल रहा था। फाइनल में मुख्य अतिथि के तौर पर कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा पहुंचे हुए थे। यहां पर पुलिस हिरासत में ले जाए गए कांग्रेसजनों और पत्रकारों के बीच हंगामा हो गया।

पत्रकारों ने इसे निजी कार्यक्रम बताते हुए शांति बनाए रखने की अपील की थी, जिसको लेकर कांग्रेसी कार्यकर्ता भड़क गए। यह सब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा की मौजूदगी में हुआ। फिलहाल इस मामले को लेकर माहरा की प्रतिक्रिया सामना आई है। उन्होंने इस घटना पर खेद व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि बुधवार को पुलिस लाइन में हुई घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। इस घटना के लिए उन्होंने पुलिस प्रशासन को दोषी ठहराया है।

करन माहरा ने कहा कि हर बार की तरह कल भी पुलिस प्रशासन उनको और कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पुलिस लाइन ले गई। जैसा हमेशा होता आया है कि पुलिस प्रदर्शनकारियों को वहां सीढ़ियों में बैठा देती है, उसके बाद कार्रवाई की जाती है। लेकिन कल कांग्रेसियों को यह पता नहीं था कि पत्रकारों का कार्यक्रम पुलिस लाइन में चल रहा है। शायद यह बात पत्रकारों को भी नहीं पता थी कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेने के बाद पुलिस यहां ले आएगी। इस दौरान गहमागहमी और गलतफहमी के बीच यह घटना घट गई।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि इस घटना से किसी के मन को ठेस पहुंची है, तो इसके लिए वह अपना गहरा दुख प्रकट करते हैं। माहरा ने सफाई देते हुए कहा कि अगर कोई गंभीर बात होती है, तो उस बात को पत्रकार साथी आगे बढ़ाते हैं और अगर किसी पत्रकार के साथ अन्याय होता है, तो उस समय विपक्ष उनके साथ खड़ा रहता है। ऐसे में विपक्ष और पत्रकारों का सामंजस्य लोकतंत्र के लिए बहुत आवश्यक होता है। इसलिए यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना नहीं घटनी चाहिए थी। उन्होंने इस घटना के लिए पुलिस प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है।