Kedarnath Dham: पूजा अर्चना के बाद खुले केदारनाथ धाम के कपाट, सात से अधिक भक्त रहे मौजूद

बारह ज्योतिर्लिंगों में शामिल केदारनाथ धाम के कपाट मंगलवार सुबह 6:20 बजे खोल दिए। इस मौके पर श्रद्धालुओं ने जमकर ढोल नगाड़े बजाए। श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने मंदिर की 34 क्विंटल फूलों से भव्य सजावट की गई है। कपाटोद्घाटन का साक्षी बनने के लिए सात हजार से अधिक तीर्थयात्री केदारनाथ पहुंचे हैं।

इससे पूर्व सुबह तड़के केदार बाबा की पंचमुखी मूर्ति का श्रृंगार किया गया, भोग लगाया गया व पूजा अर्चना की गई। इसके पश्चात पंचमुखी डोली को मंदिर परिसर में लाया गया, सील बंद कपाट को प्रशासन मंदिर समिति की मौजूदगी में खोल दिए गए और भोले बाबा अपने धाम में विराजमान हो गए। कपाट खोलते ही केदारनाथ धाम भोले बाबा की जयकारों से गूंज उठा। इस अवसर पर केदारनाथ धाम में बड़ी संख्या में भक्त मौजूद थे। उधर, बदरीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को सुबह 6:10 बजे खोले जाएंगे। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित और पुलिस अधीक्षक डाॅ. विशाखा अशोक भदाणे धाम में कैंप किए हुए हैं। मौसम के मिजाज के चलते केदारनाथ यात्रा में चुनौतियां कम नहीं हैं। यहां मौसम आए दिन करवट बदल रहा है।

आज शुरू हो जाएगी हेली सेवा
कपाट खुलने के साथ ही मंगलवार सुबह से केदारनाथ के लिए हेली सेवा शुरू हो जाएगी। नौ एविएशन कंपनी केदारघाटी में जाखधार, शेरसी, फाटा, नारायणकोटि, जामू और सोनप्रयाग से हेली सेवा का संचालन करेंगी। सोमवार को विभिन्न हेलीपैड से धाम के लिए ट्रायल उड़ान भरी गईं।
यात्रियों की मुश्किलें आसान करेगा एसडीआरएफ
केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग पर राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) ने यात्रियों की सहायता के लिए पांच पड़ाव बनाए हैं। ये पड़ाव केदारनाथ, लिनचौली, सोनप्रयाग, अगस्त्यमुनि और रतूड़ा में बनाए गए हैं। हर पड़ाव में दो-दो दल तैनात किए गए हैं। ये दल एक पड़ाव से दूसरे पड़ाव के बीच गश्त भी करेंगे। विशेष रूप से सोनप्रयाग, लिनचौली व केदारनाथ पैदल मार्ग के बीच ये यात्रियों की सहायता को विशेष रूप से सक्रिय रहेंगे। इन दलों को बर्फ हटाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक स्नो रिमूवर समेत आधुनिक उपकरण दिए गए हैं। इसके साथ ही पड़ाव स्थलों पर प्राथमिक उपचार के लिए दवाओं की व्यवस्था भी की गई है।
