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कुमाऊं # फर्जी प्रमाणपत्र वाली एक और शिक्षिका बर्खास्त

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फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी पाने वालों के विरूद्ध कार्रवाई जारी है। नैनीताल जिले में शुक्रवार को फिर एक शिक्षिका को नौकरी से हाथ धोना पड़ा। फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर नौकरी पाने की विभागीय पुष्टि के बाद जिला शिक्षाधिकारी ने शिक्षिका को बर्खास्त कर दिया। शिक्षिका ने पांच वर्ष पहले नौकरी पाई थी। एक दिन पहले भी जिले में दो शिक्षकों को बर्खास्त किया गया था। ओखलकांडा ब्लाक के राजकीय प्राथमिक विद्यालय क्वेराल में तैनात कविता नेगी 2017 में नौकरी पाई थी। उसके खिलाफ फर्जी प्रमाणपत्र से नौकरी पाने की शिकायत थी। शुरुआती जांच के बाद करीब एक साल पहले उन्हें निलंबित किया गया था। मामले में विभागीय जांच जारी थी। जिला शिक्षाधिकारी (प्रारंभिक शिक्षा) एचबी चंद ने बताया कि जांच में शिक्षिका कविता नेगी का शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) प्रमाणपत्र गलत पाया गया। यानी शिक्षिका बिना शिक्षक की योग्यता के पांच वर्ष से नौकरी कर रही थी। दो दिन में दो शिक्षिकाओं समेत तीन शिक्षक बर्खास्त हो चुके हैं।

तीन हजार शिक्षक जांच के दायरे में
नैनीताल जिले में अभी तीन हजार शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच होनी बाकी है। इन शिक्षकों के हाईस्कूल से लेकर उच्च शिक्षा तक के करीब 18 हजार से अधिक प्रमाणपत्रों का सत्यापन होना बाकी है। विभागीय स्तर पर दस्तावेजों की जांच जारी है। डीईओ एचबी चंद ने बताया कि जिले में 12 हजार शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच होनी थी। 9500 शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच पूरी हो चुकी है। जिसमें सात शिक्षक बर्खास्त हुए हैं।

बर्खास्तगी से अलावा कोई कार्रवाई नहीं
फर्जी दस्तावेजों से नौकरी पाने की पुष्टि के बाद शिक्षिकों को बर्खास्त कर दिया जाता है। ऐसे भी मामले हैं जब 25 से 30 वर्ष की नौकरी करने के बाद नौकरी से बाहर किया गया है। गुरुवार को ही एक शिक्षिका को 22 वर्ष की नौकरी के बाद बाहर किया गया। शिक्षक की योग्यता नहीं रखने वाले ऐसे गैर शिक्षक मोटा वेतन लेकर वर्षों तक बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करते हैं। राजस्व का भी दोहन करते हैं। दस्तावेज फर्जी पाए जाने की पुष्टि होने पर बाहर हो जाते हैं। डीईओ ने बताया विभागीय नियमावली में यही प्रविधान है।