उत्तराखण्डनवीनतम

कुमाऊं : चालू वित्तीय वर्ष में 700 करोड़ की शराब गटक चुके हैं कुमाऊं के लोग

ख़बर शेयर करें -

चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 में अब तक कुमाऊं मंडल में लोग करीब 701 करोड़ की शराब पी गए हैं। जिससे सरकार के राजस्व में काफी इजाफा हुआ है। सभी जानते हैं कि प्रदेश में बड़ा राजस्व देने वालों में शराब का कारोबार भी एक है। वित्तीय वर्ष समाप्त होने वाला है, जिसके तहत आबकारी विभाग निरंतर क्लोजिंग का कार्य तेज गति से चला रहा है। आबकारी विभाग भी क्लोजिंग कराए जाने को लेकर पूरी तरह से मुस्तैद है।
वित्तीय वर्ष 2022-23 में आबकारी विभाग को कुमाऊं मंडल से शराब से करीब 783 करोड़ रुपए का लक्ष्य मिला था। जिसमें से विभाग द्वारा जनवरी माह तक करीब 701 करोड़ रुपए का लक्ष्य प्राप्त कर लिया गया है। आबकारी विभाग के सूत्रों के अनुसार इस वित्तीय वर्ष में करीब दो माह अभी बाकी हैं। शराब की दुकानों से मिलने वाले राजस्व प्राप्ति के लिए विभाग द्वारा अभियान चलाकर शराब कारोबारियों से राजस्व वसूला जा रहा है। राजस्व जमा नहीं करने की स्थिति में कई दुकानों को निरस्त करने की भी कार्रवाई की गई है। इस वित्तीय वर्ष में बागेश्वर के लिए 48 करोड़ 51 लाख, पिथौरागढ़ के लिए 87 करोड़ 51 लाख, चम्पावत के लिए 56 करोड़ 76 लाख, अल्मोड़ा के लिए 129 करोड़ 60 लाख का लक्ष्य रखा गया था। नैनीताल 273 करोड़ 24 लाख, उधम सिंह नगर के लिए 148 करोड़ का लक्ष्य रखा गया था। बताया है कि कई दुकानदारों द्वारा राजस्व जमा नहीं किए जाने की स्थिति में उधम सिंह नगर में 15 दुकानों को कैंसिल करने की कार्रवाई की गई है। अल्मोड़ा में एक ठेकेदार द्वारा राजस्व नहीं जमा करने पर आरसी की कार्रवाई की गई है। बताया गया है कि अभी वित्तीय वर्ष समाप्त होने में 2 माह का समय है। इसी बीच होली का त्योहार भी है। इसमें यह लक्ष्य पूरा होने की उम्मीद है। वित्तीय वर्ष समाप्त होने वाला है, जिसके तहत आबकारी विभाग निरंतर क्लोजिंग का कार्य तेज गति से चला रहा है। आबकारी विभाग भी क्लोजिंग कराए जाने को लेकर पूरी तरह से मुस्तैद है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में आबकारी विभाग को कुमाऊं मंडल से शराब से करीब 783 करोड़ रुपए का लक्ष्य मिला था। जिसमें से विभाग द्वारा जनवरी माह तक करीब 701 करोड़ रुपए का लक्ष्य प्राप्त कर लिया गया है। इस वित्तीय वर्ष में करीब दो माह अभी बाकी हैं। शराब की दुकानों से मिलने वाले राजस्व प्राप्ति के लिए विभाग द्वारा अभियान चलाकर शराब कारोबारियों से राजस्व वसूला जा रहा है।