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कुमाऊं : नामी स्कूल के प्रधानाचार्य समेत तीन को दो-दो साल के कारावास की सजा

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नैनीताल। वर्ष 2014 में नेपाली छात्र शान प्रजापति की मौत के मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने शेरवुड कॉलेज के प्रधानाचार्य समेत तीन लोगों को दो-दो साल के कारावास और पचास-पचास हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। बाद में बचाव पक्ष ने प्रधानाचार्य समेत तीनों अभियुक्तों का जमानत प्रार्थनापत्र न्यायालय में पेश किया। न्यायालय ने तीनों को जमानत देते हुए उन्हें अपील करने के लिए एक माह का समय दिया है।
अभियोजन पक्ष ने न्यायालय को बताया कि वर्ष 2014 में नेपाल निवासी शान प्रजापति शेरवुड कॉलेज में नौवीं कक्षा में पढ़ता था। आठ नवंबर 2014 को स्कूल में उसकी तबियत खराब हो गई थी। कॉलेज प्रबंधन ने अस्पताल में उसका इलाज कराने के बजाय उसे कॉलेज में ही रखा। अभियोजन पक्ष ने कहा कि 12 नवंबर को भी जब शान की तबियत सही नहीं हुई तो उसे कॉलेज इनफॉर्मरी में एडमिट कराया गया। तबियत अधिक बिगड़ने के बाद विद्यालय प्रबंधन ने उसे 13 नवंबर को हल्द्वानी के निजी अस्पताल में भर्ती कराया लेकिन तब तक उसकी तबियत अधिक बिगड़ चुकी थी।
न्यायालय को बताया गया कि दो घंटे तक निजी अस्पताल में भर्ती रहने के बाद अस्पताल प्रबंधन ने शान हायर सेंटर ले जाने की सलाह दी और दिल्ली ले जाते समय उसने रास्ते में दम तोड़ दिया। शान की मौत के बाद उसकी मां मीना श्रेष्ठ ने तल्लीताल थाने में कॉलेज के प्रधानाचार्य अमनदीप संधू, सिस्टर पायल पॉल और हाउस वार्डन रवि कुमार के खिलाफ इलाज में देरी कराने और लापरवाही बरतने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
अभियोजन अधिकारी देवेंद्र मुनगली ने मामले की पैरवी करते हुए छात्र की मौत के लिए शेरवुड कॉलेज प्रशासन को दोषी ठहराया जबकि बचाव पक्ष ने भी न्यायालय में अपने तर्क पेश किए। दोनों पक्षों को सुनने के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रमेश सिंह ने तीनों अभियुक्तों को लापरवाही का दोषी मानते हुए दो-दो वर्ष के कारावास व पचास-पचास हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माने की राशि अदा न करने पर अभियुक्तों को छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।

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