उत्तराखंड : एसटीएफ व पुलिस की बड़ी कार्यवाही, करोड़ों की एमडीएमए ड्रग फैक्ट्री का पर्दाफाश
उत्तराखण्ड से नेपाल और मुंबई तक फैले नेटवर्क का भंडाफोड़, प्रतिबंधित कैमिकल्स की बड़ी खेप बरामद, डीजीपी ने पुलिस टीम को एक लाख की धनराशि से पुरुस्कृत करने की की घोषणा
चम्पावत। एसटीएफ की एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स ने थाना नानकमत्ता क्षेत्र में स्थानीय पुलिस के साथ संयुक्त कार्यवाही करते हुये साहनी नर्सरी तिराहे, क्षेत्र से एमडीएमए ड्रग्स को तैयार करने वाले गिरोह के मुख्य सरगना कुनाल राम कोहली को ड्रग्स तैयार करने में प्रयोग किये जाने वाले विभिन्न प्रकार के प्रिकर्सर कैमिकल (रॉ मैटेरियल) लगभग 126 लीटर कैमिकल एव 28 किलो पाउडर फार्म व 7.41 ग्राम एमडीएमए बरामद की। उसके खिलाफ नानकमत्ता थाना में धारा 21/22/8 एनडीपीएस एक्ट पंजीकृत कराया गया।



पुलिस महानिदेशक दीपक सेठ ने जानकारी देते हुये बताया कि बरामद समस्त प्रिकर्सर कैमिकल NDPS ACT के अर्न्तगत् प्रतिबन्धित कैमिकल्स की श्रेणी में आते है, जिनका बिना वैध लाईसेन्स के क्रय-विक्रय एवं परिवहन करना गैर कानूनी है। एसएसपी एसटीएफ नवनीत भुल्लर ने जानकारी देते हुए बताया कि एसटीएफ की एएनटीएफ कूमांयू यूनिट के साथ जनपद पिथौरागढ़, चम्पावत एवं उधमसिंह नगर की पुलिस की संयुक्त टीमों द्वारा कार्यवाही की गयी है। महाराष्ट्र राज्य के ठाणे जनपद में 31 मई 2025 को दो व्यक्त्यिों को 11 ग्राम एमडीएमए के साथ गिरफ्तार किया गया, जिनके द्वारा बताया गया कि उत्तराखण्ड – नेपाल बार्डर से पिथौरागढ के थल क्षेत्र में मोनू गुप्ता एवं कुनाल कोहली ने एमडीएमए फैक्ट्री लगाई गई है, जहां पर एमडीएमए ड्रग्स को तैयार कर मुम्बई समेत अलग-अलग राज्यो में सप्लाई करते हैं।
दिनांकः 26 जून 2025 को थाने पुलिस द्वारा थाना थल जनपद पिथौरागढ़ पुलिस के साथ एक पॉल्ट्री फार्म पर छापा मारकर प्रिकर्सर कैमिकल्स बरामद किया गया। परन्तु कोई अभियुक्त की गिरप्तारी नहीं हो पायी थी। जून के अन्तिम सप्ताह में थाणे पुलिस द्वारा पलीया नेपाल बार्डर से मोनू गुप्ता को दो साथियों भीम यादव व अमन कोहली को गिरफ्तार किया जा चुका है, परन्तु तत्समय कुनाल कोहली अपने साथी राहुल और विक्रम के साथ नेपाल फरार हो गया था। जुलाई 11, 2025 को चम्पावत पुलिस द्वारा कार्यवाही करते हुये अभियुक्त राहुल की पत्नी ईशा को 5 कि0 688 ग्राम एमडीएमए के साथ गिरफ्तार किया गया। एमडीएमए को अभियुक्तों द्वारा निर्मित किया गया था। अभियुक्त राहुल को भी चम्पावत पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया जा चुका है।
बताया कि अभियुक्तों द्वारा बनारस, गाजियाबाद जनपद उ0प्र0, थाणे की कम्पनियों से अवैध रूप से लाया जाता था। पिथौरागढ के थल थाना क्षेत्र में मुर्गी फार्म की आड़ में एमडीएमए का कैमिकल से अवैध रूप से निर्मित करते थे। एसटीएफ के अधिकारीगण लगातार एन्टी नारकोटिक्स ब्यूरो, नेपाल पुलिस के अधिकारियों के सम्पर्क में थे। जिनके द्वारा तकनीकी एवं मैनूवल सूचनायें लगातार साझा की जा रही थी। जिसके फलस्वरूप दिनॉक 14.07.2025 को उक्त प्रकरण के मुख्य अभियुक्त कुनाल कोहली को एसटीएफ टीम व नानकमत्ता पुलिस टीम के साथ थाना नानकमत्ता क्षेत्र से गिरफ्तार किया।
कुनाल कोहली थाना बनबसा के मु0अ0स0 67/2025 के अतिरिक्त पुलिस स्टेशन कासारवडवली जिला ठाणे महाराष्ट्र के मु0अ0स0 544/2025 तथा मुम्बई क्राईम ब्रान्च की यूनिट डी-2 से मु0अ0स0 60/2024 सभी अर्न्तगत धारा 29/21/8सी एन0डी0पी0एस0 एक्ट में वांछित फरार चल रहा था। गिरप्तार अभियुक्तों की निशादेही से बरामद निम्नांकित प्रिकर्सर कैमिकल्स से करीब 06 किलोग्राम एमडीएमए का निमार्ण किया जाना था जिसकी अन्तराष्ट्रीय बाजार में लगभग 12 करोड़ कीमत होती।
एम0डी0एम0ए0 एवं प्रिकर्सर कैमिकल्स की बरामदगी का विवरणः-
- एम0डी0एम0ए0 7.41 ग्राम (अभियुक्त कुनाल राम से बरामदा)
- प्रिकर्सर कैमिकल (रॉ मैटेरियल)
- Dichloromethane (Methylene Chloride) 23 बोतलें × 2.5 लीटर = 57.5 लीटर
- Acetone for synthesis 8 बोतलें × 2.5 लीटर = 20 लीटर
- Hydrochloric Acid (HCL 36.46) 19 बोतलें × 2.5 लीटर = 47.5 लीटर
- Methylamine Solution 1 बोतल × 500 मिलीलीटर = 0.5 लीटर
- Sodium Hydroxide (Pellets Purified) 56 बॉक्स × 500 ग्राम = 28 किलो
अभियुक्त से पूछताछ का विवरण …
अभियुक्त कुनाल राम कोहली द्वारा बताया गया कि नाला सुपारा, मुम्बई में रहने वाले भीम यादव मोनू उर्फ ओम गुप्ता, बल्ली राम गुप्ता, नवीन नेपाली से मुलाकात मुम्बई में हुई थी। पिछले वर्ष जब मोनु गुप्ता तथा भीम यादव के विरूद्ध मुम्बई में नारकोटिक्स एक्ट में केस हुआ था तो मैं इन लोगों को अपने साथ फरारी काटने के लिये टनकपुर गैंडा खाली अपने घर ले आया था। इसी दौरान मेरी मुलाकात टनकपुर में नरेश शकारी व रोशन कोहली से हुयी। नरेश शकारी का घर गैंडाखाली में एकान्त में था तो हम सभी ने आपस में योजना बनाई कि यहॉ पर हम एमडीएमए ड्रग्स को बना सकते हैं। मोनू गुप्ता ने पहले बनारस में ड्रग्स बनाने की फैक्टी लगायी थी। वहां भी यूपी पुलिस ने छापा मार दिया था। पिछले वर्ष जून-जुलाई से हम लोग यहां रह रहे थे। यहां पर पहली बार मैंने ड्रग्स बनाने के लिये बनारस से कैमिकल मंगाया था। जब तीन-चार किलो माल तैयार हो जाता था तब बल्ली राम गुप्ता माल को लेकर मुम्बई जाता था। एक बार जब बल्ली राम गुप्ता मुम्बई माल लेकर गया था तो वहां उसे मुम्बई पुलिस ने पकड़ लिया था। इसकी सूचना हमकों मिल गयी तो हम लोगों ने गैंडाखाली से फैक्ट्री हटा ली थी। इसके बाद हमको कहीं और सुरक्षित स्थान चाहिये था तो हम लोगों ने पिथौरागढ़ के थल से आगे सुवालेख में एक फार्म किराये पर लेकर मुर्गी फार्म खोल लिया था तथा उसी की आड़ में हम लोग वहां एमडीएमए बनाने लगे। वहां हमने करीब 5.6 किलो एम0डी0एम0ए0 माल बनाया था, जिसको मैं मोनु गुप्ता, भीम यादव, राहुल अपने साथ बनबसा ले आये थे तथा माल को हमने राहुल के घर पर छुपा दिया था। क्योंकि हमारा साथी बल्ली राम गुप्ता पहले ही मुम्बई में जेल चला गया था तो इस माल को बेचने के लिये हमें सही पार्टी नहीं मिल पा रही थी। दिनांक 27.06.2025 को जब पिथौरागढ़ वाली हमारी फैक्ट्री में मुम्बई पुलिस का छापा पड़ा और हमारा कैमिकल व उपकरण पकड़े गये तो हम लोगों ने बनबसा से अलग-अलग गाड़ियों से नेपाल भागने का प्लान बनाया। मैं तथा राहुल उसकी गाड़ी से बनबसा बार्डर से नेपाल चले गये। मोनू गुप्ता, भीम यादव व अमर कोली पलिया बार्डर के रास्ते नेपाल जाने वाले थे, जिन्हें मुम्बई पुलिस ने पलिया बार्डर पर पकड़ लिया। दिनांक 12.07.2025 को जब बनबसा पुलिस ने राहुल की पत्नी को गिरफ्तार कर हमारी एमडीएमए उससे बरामद की तो हम लोग डर गये। हमें पता चला था कि उसमें हमारा भी नाम है तो हम बनबसा वापस आये तथा हमारे पास गैंडाखाली वाला जो कैमिकल बचा हुआ था उसके दिनांक 13.07.2025 की रात्रि में हमने चम्पावत से निकालकर नानकमत्ता डैम के पास एक खाली कमरे में रख दिया था। जब मुझे पता चला की राहुल भी पकडा जा चुका है तो मैं इस माल को डाम में फैंकन के लिये आज फिर से नानकमत्ता आया तो पुलिस ने मुझे पकड लिया।
अभियुक्त कुनाल कोहली ही अपने साथियों के साथ मुम्बई से अपने दोस्तों को लाकर एम0डी0एम0ए0 ड्रग्स की फैक्ट्री को पहले जनपद चम्पावत तथा बाद में जनपद पिथौरागढ लगा कर एम0डी0एम0ए0 बना रहा था। जिसकी खपत मुम्बई में ही की जा रही थी। अभियुक्त कुनाल कोहली तथा उसके साथियों को उत्तराखण्ड की जगह फैक्ट्री के लिये अनुकूल लग रही थी। जिस कारण यह अभियुक्तगण बड़ी मात्रा में एम0डी0एम0ए0 बना रहे थे। अभियुक्त कुनाल कोहली जहॉ से एमडीएमए में प्रयुक्त होने वाले कैमिकल को मंगा रहा था उन कम्पनीयों में अग्रिम कार्यवाही की जायेगी।
डीजीपी दीपम सेठ ने कहा है कि ड्रग्स फ्री उत्तराखण्ड अभियान के तहत लगातार सघन और बहुआयामी कार्रवाई की जा रही है। पुलिस द्वारा ड्रग्स की आपूर्ति, वितरण और आर्थिक नेटवर्क को ध्वस्त करने की दिशा में ठोस रणनीति के तहत कार्य किया जा रहा है। मैं आज आपको राज्य में हाल ही में हुई कुछ बड़ी कार्रवाइयों और हमारी आगामी कार्ययोजनाओं के बारे में अवगत कराना चाहता हूँ।”
- वित्तीय जांच एवं PIT-NDPS के तहत कार्रवाई
“चम्पावत, उधमसिंहनगर एवं पिथौरागढ़ जिलों के टनकपुर, बनबसा व थल थाना क्षेत्रों में हाल ही में भारी मात्रा में ड्रग्स बरामद हुई हैं। इन मामलों में केवल अभियुक्तों की गिरफ्तारी तक सीमित न रहकर, उनकी पूरी वित्तीय श्रृंखला की गहराई से जांच की जा रही है — कि ये लोग नशे के कारोबार से कैसे और कहां तक धन अर्जित कर रहे हैं तथा उसे किस गतिविधि में लगा रहे हैं। इस अवैध आय से अर्जित संपत्तियों को जब्त (attached) किया जा रहा है और PIT-NDPS एक्ट के अंतर्गत निरोधात्मक कार्रवाई कर अपराधियों को लंबे समय तक जेल में रखने की प्रक्रिया अपनाई जा रही है।”
- प्रीकर्सर केमिकल्स पर विशेष निगरानी
“राज्य में 44 यूनिट्स ऐसी चिन्हित की गई हैं जो ऐसे प्रीकर्सर केमिकल्स का प्रयोग कर रही हैं जिनका उपयोग अवैध नशीले पदार्थ बनाने में हो सकता है। इनके भौतिक सत्यापन हेतु समस्त एसएसपी/एसपी को निर्देशित किया गया है ताकि किसी भी अनियमितता या दुरुपयोग की संभावनाओं को समय रहते रोका जा सके।”- फार्मास्यूटिकल इकाइयों की जांच
“उत्तराखण्ड में 172 फार्मा इकाइयाँ ‘शेड्यूल-H’ ड्रग्स से संबंधित कार्य कर रही हैं। ये ड्रग्स केवल चिकित्सकीय पर्ची पर दी जानी चाहिए, परंतु इनका दुरुपयोग भी ड्रग्स के रूप में हो रहा है। SHO/SO एवं ड्रग्स निरीक्षकों की संयुक्त टीमें इन इकाइयों का भौतिक सत्यापन कर रही हैं जिससे पारदर्शिता बनी रहे।”- थानों को ड्रग डिटेक्शन किट
“अब प्रदेश के प्रत्येक थाने को ड्रग डिटेक्शन किट उपलब्ध करा दी गई है, जिससे थाना स्तर पर ही संदिग्ध पदार्थ की प्राथमिक जांच की जा सकेगी और समय पर प्रभावी कार्रवाई संभव हो सकेगी।

