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एससी एसटी एक्ट में दोषी युवक को आजीवन कारावास, जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने सुनाया फैसला

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नैनीताल। जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुबीर कुमार की कोर्ट ने एससी-एसटी एक्ट में एक युवक को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास व 20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। उस पर अनुसूचित जाति की युवती को शादी का झांसा देकर मारपीट, गालीगलौज व दो साल तक दुराचार करने का आरोप है। एससी-एसटी के अलावा कोर्ट ने अन्य धाराओं में भी युवक को दस साल की सजा व 20 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया है। हालांकि दोनों सजायें साथ चलेंगी।

डीजीसी फौजदारी सुशील कुमार शर्मा के अनुसार 16 फरवरी 2022 को हल्द्वानी की युवती ने काठगोदाम के रोहित पलड़िया के विभिन्न धाराओं के अलावा एससी-एसटी में मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप था युवती जब निजी अस्पताल में नौकरी करती थी तो रोहित भी वार्ड ब्वाय के रूप में साथ काम करता था। उसने शादी का झांसा देकर डेढ़ साल तक शारीरिक शोषण किया। मंदिर ले जाकर अकेले में उसकी मांग भी भर दी। जब बाद में युवती ने शादी के लिए कहा तो रोहित ने जाति सूचक शब्दों का प्रयोग किया। डीजीसी फौजदारी ने कोर्ट में पीड़िता सहित अन्य आठ गवाह परीक्षित कराए। न्यायालय ने अपने निर्णय में यह भी कहा कि युवक ने झांसा देकर युवती से दुराचार किया है। साक्ष्यों व गवाहों के बयान के आधार पर कोर्ट ने युवक को धारा-323 में एक साल कठोर कारावास, धारा-376 में दस साल कठोर कारावास व 20 हजार जुर्माना, धारा-506 में एक साल कठोर कारावास तथा धारा-तीन (दो) वी में कठोर आजीवन कारावास व 20 हजार जुर्माने की सजा सुनाई।