लोहाघाट : रोडवेज बस के दरवाजे का कब्जा उखड़ा, नट समेत यात्री के हाथ में जा घुसा और फिर…
चम्पावत जनपद के लोहाघाट से आ रही एक खबर ने फिर से उत्तराखंड रोडवेज की पोल खोल दी है। रोडवेज बस से उतर रहे यात्री के हाथ में दरवाजा बंद करते वक्त उसके कब्जे का नट घुस गया और कब्जा उखड़ कर यात्री के हाथ से लटक गया। घायल यात्री को लोहाघाट उप जिला चिकित्सालय ले जाया गया। वहां पर सर्जन न होने के चलते कब्जे को हाथ से अलग नहीं किया जा सका। बाद में घायल को जिला अस्पताल लाया गया। जहां उसे रोडवेज बस के दरवाजे के कब्जे और नट से मुक्ति मिल सकी।
जानकारी के अनुसार सोमवार को पिथौरागढ़ से दिल्ली जा रही रोडवेज बस यूके07पी/4298 में सफर कर रहे त्रिलोक सिंह लोहाघाट स्टेशन में उतर रहे थे। बताया जाता है कि वह बस से ठीक से उतर भी नहीं पाए थे कि परिचालक ने दरवाजे को जोर से बंद कर दिया। जिससे उनका हाथ दरवाजे की चपेट में आ गया और दरवाजे के कब्जे का नट यात्री की हथेली में घुस गया और आरपास हो गया। इसके साथ ही कब्जा भी उखड़ गया। यात्री त्रिलोक सिंह दर्द के मारे कहारने लगे। मौके पर ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मी एचसी माहरा ने तत्काल मौके पर पहुंच मदद की और आपात सेवा 108 एंबुलेंस पहुंचने में देरी के चलते निजी वाहन से उप जिला अस्पताल लोहाघाट पहुंचाया। अस्पताल में सर्जन नहीं होने से जख्मी मुसाफिर की हथेली से नट नहीं निकाला जा सका। बताया जा रहा है कि डॉ. बीना मेलकानी ने हाथ का निरीक्षण कर हाथ से बोल्ट निकालने में असमर्थता जताते हुए कहा कि बोल्ट को सिर्फ सर्जन के द्वारा ही निकाला जा सकता है। आशंका जताई कि अगर वह इस बोल्ट को निकालती हैं तो हो सकता है बोल्ट नस में घुसा हो ऐसी स्थिति में खून रोकना काफी मुश्किल हो जाएगा। इसके बाद त्रिलोक सिंह के परिजन उन्हें जिला चिकित्सालय चम्पावत ले गए। जहां पर त्रिलोक सिंह की हालत में सुधार है। लोहाघाट में मौके पर तत्काल सहायता के लिए पहुंचे यातायात पुलिस कर्मी एचसी माहरा के प्रयासों की स्थानीय लोगों सराहना की। वहीं लोहाघाट अस्पताल में सर्जन न होने के चलते घटना के बाद से करीब दो घंटे तक घायल यात्री अपने हाथ में रोडवेज बस का कब्जा नट समेत लटकाए और दर्द से कराहता हुआ खासा परेशान रहा। इस घटना के बाद से रोडवेज बस के हालात और लोहाघाट अस्पताल की व्यवस्थाओं की एक बार फिर से पोल खुली है।