लोहाघाट : बीमार छात्रा को इलाज के लिए 10 किमी डोली से लाए ग्रामीण, आपदा से सड़क ही नहीं पैदल रास्ते भी चलने लायक नहीं रहे
लोहाघाट/चम्पावत। लोहाघाट विकास खंड के नेपाल सीमा से लगे डुंगरा बोरा क्षेत्र में आपदा के बाद सड़क खराब होने से बीमार छात्रा को ग्रामीण 10 किलोमीटर पैदल चलकर अस्पताल तक लाए। बीमार छात्रा को अस्पताल पहुंचाने में ग्रामीणों को घंटों का समय लगा। ग्रामीणों को कुल 38 किमी की यात्रा करनी पड़ी।
मंगलवार को डुंगरा बोरा निवासी जानकी बोहरा (21) पुत्री मोहन सिंह की तबीयत अचानक खराब हो गई। सड़क बंद होने से बीमार छात्रा को डोली के सहारे डुंगरा बोरा से रौसाल 10 किमी पैदल लाए। इसके बाद वह वाहन से 28 किमी दूर बीमार छात्रा को लोहाघाट अस्पताल पहुंचाया। गांव के बीडीसी सदस्य महेंद्र सिंह बोहरा, मोहन सिंह, पुष्कर सिंह, ध्रुव सिंह, दीपक सिंह, ईश्वर राम, गलीप सिंह, राम सिंह, नारायण सिंह आदि ने बताया कि छात्रा वायरल बुखार से पीड़ित है। रास्ता बंद होने से वह डॉक्टर से उसकी जांच भी नहीं करवा पाए। छात्रा को अधिक बुखार आने पर वह डोली के सहारे पैदल चलकर उसे इलाज के लिए अस्पताल लाए हैं। उन्होंने बताया कि बीते दिनों आपदा से गांव को जोड़ने वाला मार्ग मलबे से पट गया है। इससे गांव के लोगों को आवाजाही करने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने जल्द प्रशासन से सड़क मार्ग खोलने की मांग उठाई है।
ग्रामीणों ने बताया कि गांव में आने जाने के लिए सड़क के साथ-साथ पैदल रास्ते भी नहीं बचे हैं। गांव में खाद्यान्न, पानी व अन्य जरूरी चीजों का गंभीर संकट पैदा हो गया है। गांव में बीमारियों का प्रकोप भी बढ़ रहा है। बताया कि अभी सड़क ठीक होने में काफी समय लग सकता है। ग्रामीणों ने प्रशासन से आवाजाही के लिए पैदल मार्ग के निर्माण की मांग की है। साथ ही मार्ग निर्माण के लिए आइटीबीपी /एसएसबी से मदद की गुहार लगाई है, ताकि ग्रामीण पैदल जाकर जरूरी वस्तुओं की पूर्ति कर सकें। ग्रामीणों ने कहा अगर जल्द रास्ते सुचारू नहीं होते हैं तो गांव के हालात बेकाबू हो सकते हैं।