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शारदा खनन में एनएचपीसी के बैराज शुल्क से भड़के खनन कारोबारी, दो गुटों में बंटे

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एनएचपीसी के बैराज शुल्क का विरोध करते वाहन मालिकों और खनन कारोबारियों को समझाने की कोशिश करती प्?

टनकपुर। शारदा खनन में एनएचपीसी के बैराज शुल्क को लेकर खनन कारोबारियों मेें दो फाड़ हो गया है। शुल्क के विरोध में कारोबारियों का एक गुट बैराज के समीप धरने पर बैठ गया है। वहीं कारोबारियों का दूसरा गुट शुल्क अदा करने के पक्ष में है। विरोध के चलते सोमवार को शारदा से खनिज निकासी ठप रही। इधर कालाझाला गेट से 28 वाहनों ने करीब 45 घन मीटर खनिज की निकासी की लेकिन बाद में एनएचपीसी प्रशासन ने पावर चैनल और उस पर बने पुल की सुरक्षा का हवाला देकर सैनिक छावनी पुल से कालाझाला निकासी मार्ग भी बंद कर दिया है।
खनन खुलने के बाद से ही एनएचपीसी द्वारा खनन में लगे वाहनों से वसूले जाने वाले बैराज शुल्क को लेकर असमंजस बना हुआ था। कोरोना के कारण हुए नुकसान को देखते हुए गत वर्ष एनएचपीसी ने खनिज निकासी में बैराज शुल्क माफ कर दिया था लेकिन इस बार एनएचपीसी प्रशासन वाहन पास के रूप में बैराज शुल्क वसूल रहा है। इसे लेकर सोमवार को कारोबारी और वाहन मालिक न सिर्फ भड़क गए बल्कि गुटों में बंट गए। एक गुट शुल्क के विरोध में यूनियन उपाध्यक्ष अमजद हुसैन के नेतृत्व में बैराज के समीप धरने पर बैठ गया, जबकि दूसरा गुट शुल्क अदा करने के पक्ष में है। प्रभारी तहसीलदार पिंकी आर्या ने धरने में बैठे कारोबारियों को समझाने की कोशिश की लेकिन वे नहीं माने। यूनियन अध्यक्ष आनंद सिंह महर अन्नी का कहना है कि बैराज शुल्क को मुद्दा बनाकर कुछ वाहन मालिक राजनीति कर रहे हैं। खनन बंद रखने से नुकसान वाहन मालिकों का ही होगा। इधर बैराज शुल्क का मामला सुलझ भी नहीं पाया था कि एनएचपीसी ने दोपहर बाद सैनिक छावनी पुल से कालाझाला निकासी मार्ग को ट्रेटापोट डालकर बंद कर खनन में नई बाधा पैदा कर दी है। एनएचपीसी प्रशासन का कहना है कि पावर चैनल में बने सैनिक छावनी के पुल की क्षमता खनिज लदे भारी लोडेड वाहनों का भार झेलनी की नहीं है।

बैराज से होकर डाउन स्ट्रीम में खनिज निकासी के लिए जाने वाले वाहनों से एनएचपीसी बैराज पास के रूप में शुल्क पहले से ही वसूलती आई है। गत वर्ष कोरोना में हुए नुकसान की वजह से शुल्क माफ किया गया था लेकिन इस बार से शुल्क की वसूली की जाएगी। रही बात पावर चैनल मार्ग के रास्ते सैनिक छावनी पुल से खनिज निकासी की तो निरीक्षण के लिए बना पावर चैनल मार्ग और सैनिक छावनी का पुल की क्षमता खनिज लदे भारी लोडेड वाहनों को झेलने की नहीं है। इससे चैनल के तटबंध और पुल टूटने का खतरा पैदा होगा। राजीव सचदेवा, महाप्रबंधक टनकपुर पावर स्टेशन, एनएचपीसी बनबसा

बैराज शुल्क और सैनिक छावनी पुल के रास्ते कालाझाला से खनिज निकासी को लेकर एनएचपीसी के अधिकारियों के साथ वार्ता कर कोई समाधान निकाला जाएगा। हिमांशु कफल्टिया, एसडीएम टनकपुर

नवीन सिंह देउपा

नवीन सिंह देउपा सम्पादक चम्पावत खबर प्रधान कार्यालय :- देउपा स्टेट, चम्पावत, उत्तराखंड