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जिम कॉर्बेट पार्क में नेचर गाइड ने विदेशी पर्यटक को खिलाया तंबाकू! सोशल मीडिया पर मचा बवाल

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रामनगर/नैनीताल। देश के सबसे मशहूर नेशनल पार्क जिम कॉर्बेट में एक गाइड की गैर जिम्मेदाराना हरकत ने सबको हैरान कर दिया है। विदेशी मेहमानों के साथ हुई यह घटना अब सोशल मीडिया पर बड़ा विवाद बन चुकी है, जिसके बाद पार्क प्रशासन को तत्काल एक्शन लेना पड़ा है।

मामला कॉर्बेट नेशनल पार्क के बिजरानी जोन का बताया जा रहा है। यहां सफारी के दौरान एक गाइड ने न सिर्फ अपने कर्तव्यों की अनदेखी की, बल्कि विदेशी टूरिस्टों को तंबाकू ऑफर कर दिया। इस घटना का खुलासा एक टूरिस्ट ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करके किया। टूरिस्ट ने अपनी पोस्ट में लिखा- ‘जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में हमारे दिन के गाइड से मिलिए। अफसोस उनके पास पर्यटकों को देने के लिए सिर्फ एक चीज़ थी तंबाकू। हमें उन्हें तंबाकू का पैकेट ज़मीन पर फेंकने से भी रोकना पड़ा। सफारी के दौरान वह करीब एक घंटे तक सोते रहे और जब उठे तो बस इतना कहा हिरण का मांस स्वादिष्ट होता है, पार्क, वन्यजीव या वन संरक्षण के बारे में उन्होंने एक शब्द भी नहीं बताया। यह वाकई शर्मनाक था। खासकर जब हमारे साथ फ्रांस और अन्य देशों से आए मेहमान बैठे थे, जो भारत के वन्यजीवन को करीब से समझना चाहते थे। इसके बजाय उन्हें तंबाकू की पेशकश की जा रही थी।

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इस पोस्ट के साथ टूरिस्ट ने गाइड की तस्वीर भी शेयर की, जो कुछ ही घंटों में सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। देश-विदेश के टूरिस्ट और वाइल्डलाइफ प्रेमी इस पोस्ट पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। कई लोगों ने लिखा कि ऐसी घटनाएं भारत की पर्यटन छवि को नुकसान पहुंचाती हैं। कुछ यूज़र्स ने कहा कि अगर गाइड ही वन्यजीवों की अहमियत नहीं समझते, तो पर्यटकों को सही अनुभव कैसे मिलेगा?

प्रत्यक्षदर्शी टूरिस्ट ने आगे लिखा- यहीं हम असफल हो जाते हैं। जब हमारी प्राकृतिक विरासत का प्रतिनिधित्व करने वाले लोग ही इसके प्रति सम्मान या ज्ञान नहीं दिखाते। दुख की बात है कि यही कभी-कभी भारत के पर्यटन की सच्चाई है।

घटना के बाद हरकत में आया जिम कॉर्बेट पार्क प्रशासन…

इस शिकायत के बाद कॉर्बेट पार्क प्रशासन भी तुरंत हरकत में आया। इस मामले पर कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक डॉ. साकेत बडोला ने कहा है कि ‘मामला हमारे संज्ञान में आया है। हमने इसकी जांच के आदेश दे दिए हैं। बिजरानी रेंज के एसडीओ अमित ग्वासाकोटी को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है, जो दोनों पक्षों की बात सुनकर आगे की कार्रवाई करेंगे। जांच पूरी होने तक संबंधित नेचर गाइड को पार्क से बाहर कर दिया गया है।

गाइड्स को पेशेवर प्रशिक्षण देने की मांग…

इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर पर्यटकों के अनुभव और गाइड के व्यवहार को लेकर बहस छिड़ गई है। कई लोगों का कहना है कि जिम कॉर्बेट जैसे अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पार्क में गाइड्स को नियमित पेशेवर प्रशिक्षण (Professional Training) दी जानी चाहिए, ताकि वे पर्यटकों को बेहतर अनुभव दे सकें और वन्यजीव संरक्षण का सही संदेश पहुंचा सकें। पर्यटन विशेषज्ञों का मानना है कि एक गाइड सिर्फ सफारी का साथ देने वाला नहीं होता, बल्कि वह भारत की वन्यजीव संस्कृति और संवेदनशीलता का प्रतिनिधि होता है। ऐसे में गाइड्स की चयन प्रक्रिया से लेकर ट्रेनिंग तक, सब कुछ उच्च स्तर पर होना चाहिए। यह घटना एक बार फिर सवाल उठाती है कि क्या हम अपनी प्राकृतिक धरोहर और पर्यटकों के अनुभव को लेकर वाकई गंभीर हैं। जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क भारत की पहचान है। यहां हर आने वाले पर्यटक को सिर्फ जंगल नहीं, बल्कि भारत की संवेदना, संस्कृति और जिम्मेदारी दिखनी चाहिए।