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मेडिकल कॉलेज अल्मोड़ा के 12 विशेषज्ञ चिकित्सकों का एक साथ पिथौरागढ़ ट्रांसफर होने से चिकित्सकों में आक्रोश, कांग्रेस में भी किया विरोध

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मेडिकल कॉलेज अल्मोड़ा के 12 विशेषज्ञ चिकित्सकों का एक साथ पिथौरागढ़ ट्रांसफर होने से चिकित्सकों में आक्रोश है। चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण महानिदेशालय ने अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में कार्यरत 12 विशेषज्ञ चिकित्सकों का एक साथ मुख्य चिकित्सा अधिकारी पिथौरागढ़ के अधीन ट्रांसफर कर दिया है। उन्हें एक सप्ताह के भीतर पिथौरागढ़ में ज्वाइनिंग देने को कहा गया है।
ट्रांसफर किए गए विशेषज्ञ चिकित्सकों में रेडियोडायग्नोसिस, पैथोलॉजी, बाल रोग विभाग, सर्जरी, नेत्र चिकित्सा विभाग, एनेस्थीसिया, मेडिसिन विभाग आदि जैसे महत्वपूर्ण विभागों के चिकित्सक शामिल हैं। चिकित्सकों ने राजकीय मेडिकल कॉलेज अल्मोड़ा के प्राचार्य को ज्ञापन देकर इस मामले में अपने स्तर से उचित कार्यवाही करने का निवेदन किया है और मंगलवार से सांकेतिक धरने में चले गए हैं। उनका कहना है कि अगर उनकी मांगों पर कार्यवाही ना हुई तो बुधवार से पूर्ण कार्य बहिष्कार किया जाएगा। आज के धरने में डॉ. ओमप्रकाश फौजदार, डॉ. प्रियांक गोयल, डॉ. विनीता आर्य, डॉ. मनोज वर्मा, डॉ. गरिमा टम्टा, डॉ. हिमानी जेलखानी, डॉ. वेदांत शर्मा, डॉ. कौशल पांडे, डॉ. बिलाल अली, डॉ. चैनी खान, डॉ. तारा सिंह, डॉ. मुकेश शर्मा आदि सम्मिलित रहे ।
मालूम हो कि बेस चिकित्सालय अल्मोड़ा में मौसम परिवर्तन के साथ ही प्रतिदिन पहुंचने वाले नए मरीजों की संख्या 500 तक पहुंच गई है। अल्मोड़ा के अतिरिक्त निकटवर्ती नैनीताल, बागेश्वर, पिथौरागढ़, चम्पावत एवं चमोली से भी मरीज उपचार के लिए आते हैं। जिसमें प्रतिदिन 70 से 100 तक गर्भवती महिलाओं केअल्ट्रासाउंड किए जाते हैं। साथ ही बाल रोग विभाग और नेत्र चिकित्सा विभाग में भी मरीजों की संख्या बढ़ गई है। ऐसे में इन विभागों में काम देख रहे विशेषज्ञ चिकित्सकों के ट्रांसफर होने से जनता को भी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
वहीं उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं पूर्व दर्जा मंत्री बिट्टू कर्नाटक ने चिकित्सकों के तबादले पर गहरा रोष जताते हुए कहा है कि अल्मोड़ा मेडिकल कालेज में स्वास्थ्य सुविधाएं अपनी बदतर दशा में हैं। लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर मात्र अन्यत्र रेफर करने का काम मेडिकल कालेज कर रहा है। ऐसे में मेडिकल कालेज के दर्जन भर चिकित्सकों का स्थानांतरण एक झटके में कर देना पूरी तरह जनविरोधी है। उन्होंने कहा कि सबसे पहले तो मेडिकल कालेज प्रशासन यह स्पष्ट करे कि किसके इशारों पर दर्जन भर चिकित्सकों का स्थानांतरण यहां से अन्यत्र कर दिया गया। उन्होंने मुख्यमंत्री से चिकित्सकों का स्थानांतरण तुरन्त निरस्त किए जाने की मांग की है। साथ ही जिसके इशारे पर ये तबादले हुए हैं, उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही करने की मांग की है। कर्नाटक ने कहा है कि मेडिकल कालेज की बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को दुरूस्त करने की मांग को लेकर वे मेडिकल कालेज प्रधानाचार्य के कक्ष के बाहर 15 मार्च से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठेंगे। साथ ही कहा है कि चिकित्सकों के मनमाने स्थानांतरण में जो भी अधिकारी शामिल होंगे वे उनके खिलाफ भी अब मोर्चा खोलेंगे।