संसदीय समिति की रिपोर्ट में खुलासा : सीडीएस जनरल रावत के हेलीकॉप्टर हादसे का कारण मानवीय भूल
नई दिल्ली। तमिलनाडु के कुन्नूर के पास आठ दिसंबर, 2021 को एमआई-17 वी5 हेलीकॉप्टर हादसे का शिकार हुआ था। इस भीषण हादसे में देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत बलिदान हुए थे। हादसे के तीन साल बाद सामने आई एक संसदीय पैनल की रिपोर्ट में कहा गया है कि हादसे का कारण ‘मानवीय भूल’ थी। बता दें कि इस भीषण हादसे में जनरल रावत के अलावा उनकी पत्नी मधुलिका रावत और कई अन्य सशस्त्र बल कर्मी भी बलिदान हुए थे।
सीडीएस जनरल बिपिन रावत के हेलीकॉप्टर क्रैश के बारे में लिखा है कि 8 दिसंबर 2021 को हुए हादसे में एमआई-17 हेलीकॉप्टर क्रैश हुआ। यह 33वीं दुर्घटना थी। इसका कारण HE(A) यानी ‘मानवीय भूल (एयरक्रू)’ है। रक्षा मंत्रालय ने संसदीय समिति को बताया है कि साल 2018 के बाद बीते करीब छह साल में 34 दुर्घटनाओं की जांच की गई। शीतकालीन सत्र के दौरान मंगलवार को संसद में रक्षा संबंधी स्थायी समिति की रिपोर्ट पेश की गई। इसमें 13वीं रक्षा योजना अवधि (13th Defence Plan Period) के दौरान हुई भारतीय वायुसेना के विमान दुर्घटनाओं का ब्यौरा दिया गया। इसके मुताबिक बीते लगभग छह साल में 34 दुर्घटनाएं हुईं। वर्ष 2021-22 में नौ भारतीय वायुसेना विमान दुर्घटना के शिकार हुए। साल 2018-19 में 11 दुर्घटनाएं हुईं। संसदीय समिति की रिपोर्ट में हादसों की संख्या के साथ कारणों का भी उल्लेख है। रिपोर्ट में दुर्घटनाओं के कारण, विमान का प्रकार, हादसे की तारीख और दुर्घटना का विवरण भी दिया गया है।
रक्षा मंत्रालय ने संसदीय समिति को आश्वस्त किया है कि वायुसेना प्रमुख की टिप्पणियों के आधार पर हादसों को टालने के सभी उपाय किए जाते हैं। अधिकांश का कार्यान्वयन हो चुका है, जबकि कुछ सुझावों और उपायों पर काम किया जा रहा है। 8 दिसंबर 2021 का वो दिन जब तमिलनाडु में कुन्नूर के करीब हेलीकॉप्टर हादसा हुआ था, जिसमें सीडीएस जनरल बिपिन रावत का निधन हो गया। इस हादसे में उनकी पत्नी की भी जान चली गई थी। बात अगर पूरे हेलीकॉप्टर की करें तो कुल 14 लोग सवार थे जिनमें से 13 की मौत हो गई थी।