पाटी : ग्राम पंचायत गागर के तोक साला और रज्यूड़ा के लोग छह किमी पैदल चलकर नहीं डालेंगे वोट, ग्रामीणों ने कहा रोड नहीं तो वोट नहीं
पाटी/चम्पावत। पाटी विकास खंड मुख्यालय के दूरस्थ ग्राम पंचायत गागर के तोक साला और रज्यूड़ा आज भी सड़क सुविधा से वंचित हैं। शासन प्रशासन की अनदेखी से नाराज ग्रामीणों ने अब आर-पार की लड़ाई लड़ने का मन बना लिया है। ग्रामीणों ने रविवार को रज्यूड़ा तोक में बैठक कर जल्द सड़क नहीं बनने पर आंदोलन की चेतावनी दी। रोड नहीं बनने पर आगामी चुनाव में रोड नहीं तो वोट भी नहीं देने की बात कही।
रविवार को हुई बैठक कि वह लंबे समय से सड़क बनाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन किसी भी मंच पर उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। शासन प्रशासन की अनदेखी के चलते उन्हें नये भारत में भी 6 किमी खड़ी चढ़ाई पैदल चलकर सड़क तक पहुंचना पड़ रहा है। ऐसे में प्रसव वेदना से पीड़ित गर्भवती महिलाओं, अचानक हुये हादसे में किसी के घायल होने पर डोली के सहारे सड़क तक पहुंचाना पड़ता है। इससे उन्हें भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ग्रामीणों को वोट डालने के लिये भी छह किमी पैदल चलकर गागर पहुंचना पड़ता है।
जीतने के बाद साला-रज्यूड़ा भूल गये नेताजी
ग्रामीणों ने कहा राजनेता हर बार चुनाव के दौरान वोट के लालच में सड़क बनाने के झूठे वादे कर जाते हैं, लेकिन जीतने के बाद कोई भी नेताजी गांव नहीं आते। ग्रामीणों ने इस बार वोट के लिये झूठे वादे करने वाले नेताओं का भी विरोध करने का निर्णय लिया है।
सड़क नहीं होने से छोड़नी पड़ी टमाटर की खेती
ग्रामीण शंकर दत्त भट्ट और दयाकिशन भट्ट ने कहा कि पिछले साल दोनों ने मिलकर अपने खेतों में टमाटर और खीरा का उत्पादन किया। टमाटर की टोकरी कंधे में रखकर 10 से 15 किमी दूरी वाले आस पास के गांवों में बेचा भी। टमाटर की पैदावार अच्छी हुई, लेकिन सड़क नहीं होने के आधे से अधिक टमाटर सड़ कर खेतों में ही बर्बाद हो गये। नुकसान होने के कारण उन्होंने इस बार टमाटर खेती करनी छोड़ दी, कहा सड़क बनने पर वह फिर टमाटर की खेती शुरू करेंगे।
रोड नहीं होने पर पलायन को मजबूर हो रहे ग्रामीग
ग्रामीणों ने कहा कि रोड बनने पर गांव से पलायन रूक जायेगा,जो लोग अपने बच्चों को गांव में छोड़कर दूसरे प्रदेशों में काम की तलाश में जा रहे हैं वह भी गांव लौटकर खेतीबाड़ी कर अच्छी आजीविका अर्जित कर सकते हैं।
बैठक में ये रहे मौजूद : शंकर दत्त भट्ट, खष्टी दत्त जोशी, भैरव दत्त जोशी, लछमदत्त जोशी, हरीश जोशी, नारायण जोशी, प्रयाग दत्त, कैलाश भट्ट, प्रकाश जोशी, किशोर जोशी, देवकी देवी, चनी देवी, भुवनेश्वरी भट्ट, कुंती देवी, रेखा, गीता देवी, पुष्पा देवी, तनुजा देवी, जीवन जोशी, वन पंचायत सरपंच गिरीश भट्ट, महेश, खष्टी दत्त, भुवन समेत दर्जनों ग्रामीण मौजूद रहे।