चम्पावत में दूसरे दिन भी फार्मेसिस्टों ने काला फीता बांधकर जताया आक्रोश

चम्पावत। डिप्लोमा फार्मेसिस्ट एसोसिएशन उत्तराखंड के प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर आज दूसरे दिन भी जिले भर के फार्मेसिस्टों ने बाहों में काला फीता बांधकर आक्रोश व्यक्त किया। संगठन का कहना है कि विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले उत्तराखंड राज्य की दूरस्थ स्वास्थ्य सेवाओं को लंबे समय से फार्मेसिस्ट संभालते आए हैं। बावजूद इसके सरकार द्वारा फार्मेसिस्ट संवर्ग का पुनर्गठन कर फार्मेसिस्ट के पद कम कर दिए हैं।

चम्पावत में संगठन के जिलाध्यक्ष विष्णुगिरी गोस्वामी और जिलामंत्री डा. सतीश चंद्र पांडेय ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए आईपीएचएस मानक राज्य की जरूरत के अनुरूप नहीं हैं। इन मानकों के तहत फार्मेसिस्ट संवर्ग का पुनर्गठन किए जाने से संवर्ग के पदों में भरी कमी आई है। आईपीएचएस मानकों में संशोधन कर चिकित्सालयों की आवश्यकता तथा फार्मेसिस्टों के कार्य दायित्वों के दृष्टिगत पदों में वृद्धि किए जाने हेतु महानिदेशक की अध्यक्षता में गठित समिति की तीन माह बीत जाने के बाद भी बैठक आयोजित नहीं हुई है। साथ ही उनका कहना है कि संवर्ग के पुनर्गठन में मुख्य चिकित्सा अधिकारियों के अधीन यात्रा, मेला, वीआईपी आदि ड्यूटी के लिए आस्थगित रखे गए 63 पदों को क्रियाशील किए जाने की संगठन की मांग पर अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है। साथ ही उन्होंने कहा कि पूर्व की भांति फार्मेसिस्ट को 02 वर्ष की सेवा पर अनुमन्य नॉनफंक्शनल वेतनमान को इग्नोर करते हुए कुल 10 वर्ष की सेवा पर प्रथम एमएसीपी प्रदान किए जाने और फार्मेसी प्रैक्टिस रेगुलेशन 2015 के प्रावधानों का कड़ाई से पालन करने, राज्य फार्मेसी काउंसिल का चुनाव कराए जाने आदि मांगों हेतु संगठन को आंदोलन की दिशा में जाने को बाध्य होना पड़ रहा है। चम्पावत विकासखंड में जिला अस्पताल चम्पावत, मुख्य औषधि भंडार एवं समस्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों व उपकेंद्रों में तैनात फार्मेसिस्टों द्वारा दूसरे दिन भी बांहों में काला फीता बांधकर आंदोलन जारी रखा। संघ के जिलाध्यक्ष विष्णुगिरि गोस्वामी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष भूपेश जोशी, तान सिंह, मनोज कुमार टम्टा, मनोज पुनेठा, प्रमोद पाण्डेय, जगदीप राणा, गिरीश खर्कवाल, संजय वर्मा, सुरेंद्र नाथ, परीक्षा राणा आदि ने बाहों में काला फीता बांधकर कार्य किया और नाराजगी जताई।
लोहाघाट में मुकुल राय, सुरेश चंद्र पाटनी, किरन जोशी, सुरेश जोशी, नवीन कनौजिया, दिनेश कुमार, मनोज कुमार, ज्योति नरियाल, सुनीता पाटनी आदि ने, बाराकोट में मनोज वर्मा, मृत्युंजय वर्मा, कुलदीप राय, त्रिभुवन उप्रेती, शेखर सिंह, रोशन लाल आदि ने, टनकपुर में जगदीश कुंवर, भगवती प्रसाद पंत, महेश चंद्र भट्ट, अनिल गड़कोटी, प्रकाश चंद्र भट्ट, प्रीतम लाल, निर्मला ओली, विजय गहतोड़ी आदि ने एवं पाटी में प्रकाश सिंह खड़ायत, योगेश कनौजिया, परीक्षा राणा, दीपक गिरी, नवीन गोस्वामी, अनिल वर्मा आदि ने बाहों में काला फीता बांधकर कार्य किया।
