आय के अधिक संपत्ति के मामले में गिरफ्तार आइएएस अधिकारी यादव को पुलिस आज कोर्ट में करेगी पेश, जानें क्या है पूरा मामला
देहरादून। थाना सतर्कता सैक्टर देहरादून पर गत 19 अप्रैल को पंजीकृत मु0अ0सं0-5/22 धारा-13(1)ख सपठित धारा-13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशो0अधि0 2018) बनाम रामविलास यादव, आईएएस, अपर सचिव, उत्तराखण्ड शासन के विरूद्व आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने विषयक विवेचना में आरोपी अधिकारी रामविलास यादव बुधवार को सतर्कता अधिष्ठान सैक्टर कार्यालय देहरादून में अपने बयान अंकित कराने हेतु पुलिस अधीक्षक सैक्टर देहरादून रेनू लोहानी एवं विवेचक पुलिस उपाधीक्षक अनुषा बडोला के समक्ष उपस्थित हुए।
पुलिस मुख्यालय में पत्रकार वार्ता करते हुए विजिलेंस के निदेशक अमित सिन्हा ने बताया कि पुलिस टीम द्वारा पारिवारिक सदस्यों के नाम अर्जित सम्पत्तियों के बारे में पूछे गये प्रश्नों के उत्तर आरोपी अधिकारी द्वारा संतोषजनक नहीं दिये गये। आरोपी अधिकारी अपने, दिलकश विहार रानीकोठी लखनऊ स्थित आवास, गुडम्बा में स्थित संचालित जनता विद्यालय, नोएडा में क्रय किये गये भूमि की रजिस्ट्री, गाजीपुर जिले में 10 बीघा जमीन, एफ0डी0/खातों में जमा धनराशि, पारिवारिक सदस्यों के बैक खातों में जमा धनराशि एवं पारिवारिक खर्चो के बारे में कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाये और न ही कोई अभिलेख प्रस्तुत कर पाये।
बताया गया है कि अब तक की विवेचना में उपलब्ध अभिलेखों व आरोपी से पूछताछ पर चैक पीरियड में कुल आय 50,48,204/- रुपये तथा व्यय 3,12,37,756/- रुपया होना पाया गया, जो अनानुपातिक सम्पत्ति अर्जित की गयी है आरोपी अधिकारी को आय-व्यय की उपरोक्त रकम बतायी गयी तो कुछ भी स्पष्ट नही बता पाये। तमाम अभिलेखीय साक्ष्यों के आधार पर उनके द्वारा आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करना स्पष्ट होता है कि आरोपी अधिकारी के द्वारा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशो0अधि0 2018) की धारा 13(1)ख सपठित धारा 13(2) का जुर्म किया गया है। जुर्म के समबन्ध में आरोपी अधिकारी को अवगत कराते हुए बुधवार की देर रात समय 2ः15 बजे लम्बी पूछताछ के बाद सतर्कता अधिष्ठान द्वारा गिरफ्तार किया गया। नियमानुसार आरोपी की गिरफ्तारी की सूचना उनकी पुत्री के मोबाइल नंबर पर दी गयी। आरोपी अधिकारी रामविलास यादव को सतर्कता अधिष्ठान द्वारा आज गुरुवार को सक्षम न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जायेगा। इस सम्बन्ध में सतर्कता टीम को सर्च के पश्चात ज्ञात सम्पत्तियों एवं अभिलेखों (रजिस्ट्रीयों) के बारे में गहना से विवेचना में साक्ष्य प्राप्त किये जा रहे है।