पूर्णागिरि मेला 2024 : छह साल से कम उम्र के बच्चों की जेब पर रखी जाएगी परिजनों के नाम की पर्ची, टैक्सी चालकों को निर्देश
टनकपुर। मां पूर्णागिरि धाम में आगामी 26 मार्च से उत्तर भारत के सुप्रसिद्ध पूर्णागिरि मेले का आगाज होना है। जिसको लेकर मेला प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस बार मेला प्रशासन ने परिजनों से बिछड़ जाने वाले बच्चों को जल्द से जल्द उनके अपनों तक पहुंचाने के लिए खास निर्णय लिया है। क्योंकि पिछले वर्षों में बच्चों के बिछड़ने के काफी मामले सामने आए। ऐसे में मंदिर समिति व पुलिस प्रशासन के लिए परिजनों को खोजना काफी मुश्किल हो जाता है।
इस वर्ष मेला एवं पुलिस प्रशासन ने मेले में बिछड़ने वाले बच्चों को जल्द से जल्द परिजनों से मिलाने के लिए एक नियम तय किया है। जिलाधिकारी नवनीत पांडे ने संबंधित विभागीय अधिकारियों एवं सामाजिक संगठनों के साथ हुई मीटिंग में इसकी जानकारी दी। डीएम नवनीत पांडे ने बताया कि विगतवर्षों में मेला क्षेत्र के अंतर्गत गुमशुदगी के अधिक मामले होने पर परिजनों से मुलाकात के लिए दिक्कतों के सामना करना पड़ता था। जिसको ध्यान पर रखते हुए इस वर्ष टैक्सी यूनियन के पदाधिकारियों व पुलिस प्रशासन के सहयोग से इस नए नियम को तय किया गया है। जिसके तहत 6 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की जेब में रेलवे स्टेशन या बस स्टेशन के समीप मां पूर्णागिरि धाम चलने वाली टैक्सी में बैठते वक्त टैक्सी चालकों को परिजनों के नाम पते व मोबाइल नंबर की पर्ची रखनी होगी। जिससे मेला क्षेत्र में परिजन से बिछड़ने वाले बच्चों की आसानी से परिजनों से मुलाकात कराई जा सकेगी।
एसपी अजय गणपति ने बताया कि पिछले साल पूर्णागिरि मेले में 300 से अधिक बच्चे मेला क्षेत्र में अपने परिजनों से बिछड़ गए थे। हालांकि सुरक्षा व्यवस्था में तैनात जवानों की मदद से सभी के परिजनों को तलाश कर बच्चों को उनके हवाले किया। सीओ शिवराज सिंह राणा ने बताया कि मेले में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर दो प्लाटून पीएसी समेत कुल 350 पुलिस कर्मियों की मांग की है। यह फोर्स पिछले साल की तुलना में कम है। इस बार पुलिस के सामने चुनौती रहेगी। वहीं मां पूर्णागिरी टैक्सी एसोसिएशन के अध्यक्ष मदन कुमार ने प्रशासन को हर संभव सहयोग की बात कही।
सजने लगे मां पूर्णागिरि धाम के प्रतिष्ठान
पूर्णागिरि धाम में मुख्य मेला शुरू होने में महज 18 दिन का समय शेष है। ऐसे में स्थानीय प्रशासन के साथ-साथ व्यापारी वर्ग भी तैयारियों में लगा हुआ है। मंदिर समिति के अध्यक्ष किशन तिवारी और उपाध्यक्ष नीरज पांडेय ने बताया कि 82 दिन तक चलने वाले मेले में श्रद्धालुओं को हर संभव सुविधा मुहैया कराई जाती है। बिजली, पानी, सड़क आदि व्यवस्थाओं के साथ ही व्यापारी भी दुकानों को सजाने में जुट गए हैं।