जनपद चम्पावतनवीनतम

बजट में अनदेखी से राशन डीलर भड़के, तीन दिन से बंद हैं दुकानें, प्रदर्शन जारी

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चम्पावत। ऑल इंडिया फेयर प्राइस शाप डीलर्स फेडरेशन के आहृवान पर राज्य के प्रत्येक जिले व तहसील क्षेत्र के सभी दुकानदारों ने केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ दुकानें बंद कर विरोध जताया। जिससे उपभोक्ताओं को राशन दुकानों के चक्कर काटकर बिना राशन लिए ही घर लौटना पड़ा।
प्रदेश संगठन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव मुरारी ने बताया कि केंद्र सरकार ने बजट में राशन डीलरों को कुछ नहीं दिया तथा खाद्य सुरक्षा योजना का राशन भी 1 वर्ष के लिए फ्री कर दिया। जिससे राशन डीलरों के हाथों में नगद पैसे नहीं आने से घर परिवार चलाना मुश्किल हो गया है। ऐसे में कमीशन भी नहीं मिल रहा है। जिससे राशन डीलरों की माली हालत दयनीय स्थिति में पहुंच चुकी है। ऐसे में केंद्र सरकार से 50,000 मासिक मानदेय की हमारी मांग है। मांगें पूरी न होने के विरोध में 7 से 9 फरवरी तक (72 घंटे) के लिए चेतावनी के रूप में दुकानें बंद की गई हैं। हड़ताल के दूसरे दिन भी देश भर की 05 लाख 38 हजार दुकानों के बंद रहने से 81 करोड़ जनता को राशन से वंचित रहना पड़ा। यह हमारे लिए गहरे दुख का विषय है। राजीव मुरारी ने बताया कि 09 फरवरी के बंद के उपरांत 10 फरवरी को देशभर के डीलरों की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की वर्चुअल बैठक में समीक्षा के उपरांत ही दुकान खोलने का निर्णय लिया जाएगा।

सस्ता गल्ले की दुकानों पर ताला, गोदाम के सामने किया प्रदर्शन
चम्पावत। सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेता संघ ने बुधवार को दुकान बंद कर प्रदर्शन किया। ऑल इंडिया फेयर प्राइस शॉप डीलर्स फेडरेशन की ओर से मंगलवार को खाद्य गोदाम के सामने उन्होंने मांगों को लेकर धरना देकर नारेबाजी की। संगठन 11 सूत्री मांगों को लेकर नौ फ रवरी तक दुकान बंद रखेगा। इस अवधि में सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेताओं को राशन का वितरण नहीं किया जाएगा। संगठन ने कहा कि खाद्य मंत्री रेखा आर्या के आश्वासन पर कार्रवाई नहीं होने पर 16 फ रवरी से उग्र आंदोलन होगा।

ब्लॉक कार्यकारिणी का हुआ गठन
ब्लॉक अध्यक्ष: भरत राम, उपाध्यक्ष: चंदन सिंह, प्रहलाद सिंह, श्याम सिंह और पूरन सिंह। महासचिव: दीवान सिंह, कोषाध्यक्ष: मोहन सिंह बोहरा, संगठन सचिव: पुष्कर दत्त, नवीन राम व नित्यानंद, मीडिया प्रभारी: पंकज शॉह, मोहन तड़ागी, संरक्षक, हरिदत्त, लोकमणि, दीपक, श्याम सिंह और दीवान सिंह कठायत।

ये हैं प्रमुख मांगें

  • राशन डीलरों को न्यूनतम मासिक आय दी जाए।
  • देय कमीशन का भुगतान तत्काल हो।
  • चावल, गेहूं और चीनी में प्रति क्विंटल एक किलो परिचलन नुकसान दिया जाए।
  • खाद्यान्न गुणवत्ता बनाए रखने के लिए जूट के बोरों में आपूर्ति हो।
  • कोरोना में मृत राशन डीलरों के परिजनों को सम्मानजनक मुआवजा दिया जाए।
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