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मां पूर्णागिरि धाम में बने धार्मिक पुस्तकालय का कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर हुआ शुभारंभ, किया गया सुंदरकांड का पाठ

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मां पूर्णागिरि धाम क्षेत्र में स्थापित धार्मिक पुस्तकालय का शुभारंभ करते मंदिर समिति के अध्यक्ष किशन तिवारी।

टनकपुर (अमित जोशी बिट्टू)। उत्तर भारत के सुप्रसिद्ध धाम मां पूर्णागिरि के दर्शनों को आने वाले श्रद्धालु अब आध्यात्मिक ज्ञान भी हासिल कर सकेंगे। इसके लिए मेला संचालन समिति और मेला मजिस्ट्रेट उप जिलाधिकारी हिमांशु कफल्टिया की ओर से मेला क्षेत्र में भैरव मंदिर के समीप आध्यात्मिक पुस्तकालय स्थापित किया गया है। जिसका आज कृष्ण जन्माष्टमी की शुभ अवसर पर मंदिर समिति के अध्यक्ष किशन तिवारी व समस्त पदाधिकारियों की उपस्थिति में पूजा अर्चना एवं विधि विधान के साथ शुभारंभ किया गया। इस मौके पर सुंदरकांड का पाठ भी किया गया।
पुस्तकालय भवन भैरव मंदिर राजस्व उप निरीक्षक चौकी के करीब 5.50 लाख से बनाया गया है। पुस्तकालय में आध्यात्मिक पुस्तकें वेद, श्रीमद्भगवद्गीता, पुराण उपनिषद, गीता प्रेस का साहित्य व अन्य धार्मिक पुस्तकों सहित 700 से अधिक पुस्तकें उपलब्ध हैं। पुस्तकालय में पाठकों के लिए बिजली, पेयजल, फर्नीचर, अल्मारी आदि की व्यवस्था की गई है। चम्पावत जिले में नागरिक पुस्तकालय की आधारशिला रखने वाले मां पूर्णागिरि तहसील के उप जिला अधिकारी मेला मजिस्ट्रेट हिमांशु कफल्टिया की पहल पर इस आध्यात्मिक पुस्तकालय का निर्माण कार्य पूरा मेला समापन अवसर पर पूरा कर लिया गया था। उप जिलाधिकारी द्वारा अभी तक तहसील क्षेत्र के अंतर्गत सहित अन्य क्षेत्रों में भी एक दर्जन से अधिक पुस्तकालयों की स्थापना की गई है। जिसमें प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्र छात्रा कई प्रतियोगिता परीक्षा पास कर सरकारी दफ्तरों पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

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मंदिर समिति अध्यक्ष किशन तिवारी ने बताया कि मां पूर्णागिरि धाम में सरकारी मेला समापन पर धार्मिक पुस्तकालय निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया था। जिसका आज कृष्ण जन्माष्टमी की अवसर पर मंदिर समिति एवं पुजारियों द्वारा विधि विधान के साथ शुभारंभ किया गया। वहीं मां पूर्णागिरी दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को देवी मां के दर्शन के साथ मां पूर्णागिरि धाम की पृष्ठभूमि, आध्यात्मिकता, इस क्षेत्र के भूगोल संबंधी जानकारी साझा करने के लिए पुस्तकालय का निर्माण किया गया है। अगले वर्ष इस पुस्तकालय में अन्य धर्मों की पुस्तकें भी रखी जाएंगी। आध्यात्मिक पुस्तकालय धर्म, आध्यात्म, परम्पराओं, मान्यताओं की समझ में मददगार होगा। वहीं सौहार्द, समरसता, सद्भाभाव को भी बढ़ाएगा। वहीं पुस्तकालय प्रत्येक दिवस में खुलेगा। इस अवसर पर पंडित गिरीश पांडे, पूरन पांडे, पंकज तिवारी, नेत्र बल्लभ तिवारी, हेमा तिवारी, कलावती पांडे, शांति देवी, राधा पांडे, पूजा तिवारी, चिंतामणि तिवारी, नरेश तिवारी, दिनेश पांडे, आनंदी पांडे आदि मौजूद रहीं।

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