टनकपुर क्षेत्र में बाढ़ सुरक्षा कार्य के लिए 46 करोड़ रुपये के प्रस्ताव तैयार
चम्पावत। जनपद के मैदानी हिस्से टनकपुर-बनबसा में मानसून अवधि में बाढ़, भूकटाव, जलभराव सिरदर्द बन जाता है। शायद अब क्षेत्र को इस बड़ी चुनौती से निजात मिल सकती है। बाढ़ सुरक्षा योजना के तहत इस क्षेत्र को बाढ़ से बचाने के लिए कुल 4648.72 लाख रुपये के दो प्रस्ताव शासन को भेजे गए हैं। नाबार्ड की मदद से इस योजना को अमलीजामा पहनाया जाएगा। टनकपुर के एसडीएम हिमांशु कफल्टिया ने बताया कि शारदा के तट पर स्थित टनकपुर-बनबसा क्षेत्र में बाढ़ की चपेट में आने से राज्य बनने के बाद से 10 करोड़ से अधिक की संपत्ति बर्बाद हो चुकी है। खेती योग्य जमीन सहित 15 हेक्टेयर जमीन को नदी निगल चुकी है। वन और अन्य संपदा पर भी मार पड़ी है। इस साल जून-जुलाई में भी बाढ़ से खासा नुकसान हुआ था, लेकिन अब इस स्थिति में सुधार की उम्मीद है। सिंचाई विभाग के लोहाघाट खंड ने बाढ़ से बचाव के दो प्रस्ताव शासन को भेजे हैं। इनमें नदी किनारे सैलानीगोठ और खेतखेड़ा क्षेत्र में 4648.72 लाख रुपये की लागत से बाढ़ सुरक्षा के प्रस्ताव रखे गए हैं। नदी के पास के इन इलाकों की 2700 की आबादी को बाढ़ से निजात मिलेगी। नदी के किनारों में ऊंचे बांध बनाकर नदी के प्रवाह को बीच में बनाए रखा जाएगा।
ये हैं प्रस्ताव के खास तथ्य
– नदी के किनारे बसे सैलानीगोठ क्षेत्र को बाढ़ से बचाने के लिए 650 मीटर लंबी योजना के लिए 2187.17 लाख रुपये का और खेतखेड़ा क्षेत्र को बाढ़ से बचाव के लिए 700 मीटर लंबी योजना के लिए 2461.55 लाख रुपये का प्रस्ताव।
– दोनों क्षेत्रों में 21 से 22 मीटर लंबाई, 15 मीटर चौड़ाई और साढ़े सात मीटर ऊंचाई के आठ खंभे बनेंगे।
सैलानीगोठ और खेतखेड़ा क्षेत्र की सुरक्षा कर बाढ़ से बचाव के प्रस्ताव शासन को भेजे गए हैं। इन प्रस्तावों को मंजूरी मिलने पर नाबार्ड की मदद से 4648.72 लाख रुपये से बाढ़ सुरक्षा उपाय किए जाएंगे। इससे 2700 की आबादी को बाढ़ से निजात मिलेगी। – दीप चंद्र कांडपाल, एई, सिंचाई विभाग, टनकपुर।