उत्तराखंड में शिक्षामित्र कर रहा था भालू के पित्त की तस्करी, धरा गया

उत्तराखंड में वन्य जीव जंतुओं व उनके अंगों की तस्करी होती है। इसकी रोकथाम के लिए एसओजी, पुलिस और वन विभाग ने संयुक्त टीम बनाई है, जो तस्करी पर काबू पाने के लिए अभियान चलातें हैं। इसी क्रम में मंगलवार को पिथौरागढ़ पुलिस ने बागेश्वर निवासी व्यक्ति को भालू की चार पित्त्त के साथ पकड़ा गया है। पकड़ा गया तस्कर पेशे से शिक्षामित्र है। पकड़े गए पित्त की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 65 लाख आंकी गई है।
एसओजी, नाचनी पुलिस और मुनस्यारी की वन विभाग की संयुक्त टीम ने मुखबिर की सूचना पर चेकिंग की। इसी दौरान संदेह के आधार पर कक्कड़ सिंह बैंड से आगे आ रहे व्यक्ति दुर्गा सिंह हरकोटिया, निवासी ग्राम निकिला खलपाता, थाना कपकोट जिला बागेश्वर को रोका। उसकी तलाशी करने पर उसके पास से चार भालू के पित्त्त मिले। भालू की पित्त्ती मिलने पर टीम ने वन क्षेत्राधिकारी लवराज पांगती को मौके पर बुलाया और बरामद वस्तु को भालू की पित्त होने की पुष्टि कराई।
संयुक्त टीम ने बताया है कि दुर्गा सिंह हरकोटिया भालू की पित्त्तियों को नेपाल के रास्ते अंतरराष्ट्रीय बाजार में सप्लाई करने जा रहा था। बरामद पित्त्ती का मूल्य 65 लाख आंका गया है। आरोपी को गिरफ्तार करते हुए उसके खिलाफ वन्य जीव जंतु संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत मुकदमा दर्ज किया। पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह ने पुलिस टीम को पच्चीस हजार रुपए नकद ईनाम की घोषणा की है। पकड़ा गया व्यक्ति बागेश्वर में शिक्षामित्र है। इससे पूर्व भी इस तरह के मामलों मे संलिप्त रहा है। संयुक्त टीम में एसओजी प्रभारी एसआइ प्रकाश पांडेय,कानि. मनमोहन भंडारी, मनीष कुमार, भुवन पांडेय, कमल तुलेरा, थानाध्यक्ष नाचनी हेम चंद्र पंत, जवान सूर्य प्रकाश, मुकेश कुमार, वन रेंजर लवराज पांगती, वन दरोगा रमेश लोधियाल, प्रेम राम, वन आरक्षी धर्मेद्र सिंह शामिल रहे।
