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नए सीबीआई चीफ को शिवकुमार कह चुके हैं ‘नालायक’, सुक्खू ने दी बधाई, जानें नए CBI ‘बॉस’ प्रवीण सूद की कहानी

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कर्नाटक के डीजीपी प्रवीण सूद को देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन (सीबीआई) की कमान दी गई है। प्रवीण सूद की नियुक्ति ऐसे समय हो रही है, जब कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है। कांग्रेस के संकटमोचक कहे जाने वाले डीके शिवकुमार से उनका छत्तीस का आंकड़ा रहा है। शिवकुमार सीएम की रेस में भी हैं। इन सबके बीच कांग्रेस शासित राज्य हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रवीण सूद को बधाई दी है। आखिर क्या है शिवकुमार से सूद का विवाद और हिमाचल के सीएम ने उन्हें क्यों दी बधाई, आइए जानते हैं।

14 मार्च 2023। यानी कर्नाटक विधानसभा चुनाव का नतीजा आने से ठीक दो महीना पहले। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने कहा, ‘हमारे राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) इस पद के लायक नहीं हैं। तीन साल से राज्य पुलिस का मुखिया होने के बावजूद वह बीजेपी के किसी कार्यकर्ता की तरह काम करते हैं। उनके खिलाफ तो एफआईआर दर्ज होनी चाहिए।’ यही नहीं शिवकुमार ने कहा कि डीजीपी प्रवीण सूद ने कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर 25 केस दर्ज कर डाले, वहीं बीजेपी के किसी भी नेता पर केस दर्ज नहीं किया। शिवकुमार यहीं नहीं रुके थे। उन्होंने सीधे तौर पर डीजीपी प्रवीण सूद की गिरफ्तारी की मांग करते हुए कहा था कि चुनाव आयोग से प्रवीण सूद की शिकायत की गई है। कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि अगर राज्य में इस बार कांग्रेस की सरकार बनी तो सूद के खिलाफ कड़ा ऐक्शन लिया जाएगा। अब कर्नाटक कांग्रेस के हाथ में है। ऐसे में आने वाले दिनों में विवाद फिर तेज हो सकता है।

शिवकुमार ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार के संरक्षण में प्रवीण सूद दुर्भावना से काम कर रहे हैं। कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि बसवराज बोम्मई की शह पर कांग्रेस नेताओं के खिलाफ फर्जी मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं। 1986 बैच के आईपीएस ऑफिसर प्रवीण सूद ने आईआईटी दिल्ली से पढ़ाई की है। 1989 में उनको मैसूर जिले की कमान मिली थी। पुलिस सर्विस के शुरुआती दिनों में वह बेल्लारी और रायचूर जैसे जिलों में जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। जून 2020 में कर्नाटक के डीजीपी के रूप में उनकी नियुक्ति हुई।

मूल रूप से वह कांगड़ा जिले के निवासी हैं सूद
प्रवीण सूद को सीबीआई का नया डायरेक्टर बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ और लोकसभा में नेता विपक्ष अधीर रंजन चौधरी की कमिटी ने फैसला लिया। अधीर रंजन ने प्रवीण सूद के नाम पर विरोध जताया लेकिन पीएम मोदी और सीजेआई की मुहर से सूद का रास्ता साफ हो गया। सूद के अलावा सीनियर आईपीएस ताज हसन और मध्य प्रदेश के डीजीपी सुधीर सक्सेना के नाम पर भी पैनल ने विचार किया। प्रवीण सूद को हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी बधाई दी है। दरअसल मूल रूप से वह कांगड़ा जिले के निवासी हैं। उनके पिता ओम प्रकाश सूद दिल्ली सरकार में क्लर्क की नौकरी करते थे। वहीं मां कमलेश सूद दिल्ली में ही सरकारी स्कूल टीचर थीं। दिल्ली से ही शुरुआती पढ़ाई-लिखाई करने के बाद आईआईटी दिल्ली से ही उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजिनियरिंग में बीटेक किया था।

बेटी आशिता की क्रिकेटर मयंक अग्रवाल से हुई है शादी
सिर्फ 22 साल की उम्र में प्रवीण सूद आईपीएस बने थे। 1996 में सूद को मुख्यमंत्री की ओर से गोल्ड मेडल से नवाजा जा चुका है। 2002 मे पुलिस मेडल और 2011 में राष्ट्रपति ने उन्हें विशिष्ट सेवा के लिए पुलिस पदक से सम्मानित किया था। सूद की पत्नी का नाम विनीता सूद है और उनकी दो बेटियां हैं। सूद की एक बेटी आशिता सूद ने क्रिकेटर मयंक अग्रवाल से शादी की है। 2018 में दोनों की सगाई हुई और फिर 2022 मे शादी रचाई। बेंगलुरु के मयंक अग्रवाल डोमेस्टिक क्रिकेट में कर्नाटक के लिए खेलते हैं। मौजूदा आईपीएल में मयंक सनराइजर्स हैदराबाद के लिए खेल रहे हैं।

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