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स्मृति ईरानी 82 हजार से ज्यादा वोटों से पीछे, कांग्रेस के किशोरी लाल शर्मा बड़ी जीत की ओर

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गांधी परिवार का गढ़ रही अमेठी में BJP की स्मृति ईरानी 82 हजार से ज्यादा वोटों से पीछे चल रही हैं। चुनाव आयोग के ताजा अपडेट के मुताबिक किशोरी लाल स्मृति ईरानी के मुकाबले 82,579 वोटों से आगे चल रहे हैं। पिछले चुनाव यानी 2019 में BJP की स्मृति ईरानी ने जीत दर्ज की थी। उन्होंने अमेठी से लगातार तीन बार के सांसद कांग्रेस नेता राहुल गांधी को हराया था। इस चुनाव में स्मृति ईरानी को 4,68,514 और राहुल गांधी को 4,13,394 वोट मिले थे।

16वीं लोकसभा के लिए अमेठी से कांग्रेस नेता राहुल गांधी चुने गए थे। ये उनकी लगातार तीसरी जीत थी। 2014 के चुनाव में भी उनके खिलाफ BJP की तरफ से स्मृति ईरानी थीं। वहीं AAP ने डॉ. कुमार विश्वास को टिकट दिया था। राहुल गांधी को 4,08,651 वोट मिले थे। दूसरे नंबर पर स्मृति ईरानी थीं, उन्हें 3,00,748 वोट मिले थे। 57,716 वोटों के साथ तीसरे नंबर BSP उम्मीदवार धर्मेंद्र प्रताप सिंह थे। वहीं कुमार विश्वास को मात्र 25,527 वोट मिले थे।

सिर्फ तीन चुनावों में अमेठी हारी है कांग्रेस
अमेठी कांग्रेस का यूं कहें कि गांधी परिवार का गढ़ रही है. संजय गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी और राहुल गांधी इस सीट से सांसद रहे हैं। अमेठी में पहला लोकसभा चुनाव 1967 में हुआ था। तब कांग्रेस के विद्या धर बाजपेयी जीते थे। अमेठी सीट पर 1977 में जनता पार्टी के रविंद्र प्रताप सिंह ने जीत हासिल की थी। संजय गांधी ने 1980 में अमेठी सीट जीती थी। उसी साल बाद में, संजय गांधी की एक विमान दुर्घटना में मौत हो गई। इस वजह से 1981 में उपचुनाव कराना पड़ा, जिसमें संजय गांधी के भाई राजीव गांधी की जीत हुई। राजीव गांधी ने 1984 और 1989 के लोकसभा चुनाव में भी अमेठी से जीत हासिल की। बता दें कि 1984 में राजीव गांधी के खिलाफ संजय गांधी की पत्नी मेनका गांधी निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव में उतरी थीं, लेकिन उन्हें सिर्फ 50,163 वोट मिले थे. जबकि राजीव गांधी को 3,65,041 वोट मिले थे।
1991 के चुनाव में अमेठी में मतदान के कुछ दिनों बाद ही राजीव गांधी की हत्या हो गई। चुनाव प्रक्रिया कुछ दिनों के लिए स्थगित कर दी गई थी, फिर जून 1991 में वोटों की गिनती की गई। राजीव गांधी को उनकी मृत्यु के बाद विजेता घोषित किया गया था। फिर इस सीट पर उपचुनाव हुआ, जिसे कांग्रेस के सतीश शर्मा ने जीता। 1996 के चुनाव में भी सतीश शर्मा ने ही जीत हासिल की थी। वहीं 1998 में यहां BJP के संजय सिंह जीते थे। वहीं 1999 में सोनिया गांधी अमेठी से सांसद चुनी गई थीं। सोनिया गांधी के बाद राहुल गांधी ने अमेठी से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की। राहुल गांधी साल 2004 में अमेठी से पहली बार सांसद चुने गए। इसके बाद उन्होंने यहां से 2009 और 2014 का चुनाव जीता, लेकिन 2019 में स्मृति ईरानी ने उन्हें मात दे दी। इस तरह ऐसा सिर्फ तीन बार हुआ है, जब अमेठी में कांग्रेस की जीत न हुई हो।