… तो अब पूरा होगा टनकपुर-बागेश्वर रेल सेवा का सपना, सर्वे का कार्य हुआ शुरू
टनकपुर। टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन का सपना शायद अब साकार हो जाए। इस बात की उम्मीद जग रही है। क्योंकि रेल लाइन को लेकर अंतिम सर्वे शुरू हो गया है। रेलवे की कार्यदायी संस्था की टीम अंतिम सर्वे के लिए मंगलवार को टनकपुर पहुंची। टीम ने रेलवे स्टेशन परिसर की लोकेशन देखी। स्टेशन पर रेल लाइन का प्रस्तावित अनुरेखण (नक्शा) चस्पा करने के बाद सर्वे की तैयारी शुरू कर दी गई है। रेलवे ने विभागीय स्तर पर सर्वे की जानकारी से इनकार किया है।
लंबे जन संघर्ष के बाद केंद्र सरकार ने तीन माह पूर्व टनकपुर-बागेश्वर बड़ी रेल लाइन निर्माण को मंजूरी दी है। इसके फाइनल लोकेशन सर्वे के लिए 28.95 करोड़ रुपये का बजट भी जारी किया गया है। अब रेलवे की कार्यदायी संस्था इरकॉन इंफ्रास्ट्रक्चर एंड सर्विसेज लि. नोएडा की टीम अंतिम लोकेशन सर्वे के लिए मंगलवार को यहां पहुंच गई है। टीम ने रेलवे स्टेशन परिसर की लोकेशन देखी और रेल मार्ग के प्रस्तावित अनुरेखण (नक्शे) को चस्पा कर सर्वे की शुरुआत की। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सर्वे टीम में शामिल एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि करीब 155 किमी. लंबे रेल मार्ग का 80 प्रतिशत हिस्सा टनल में निर्मित होना है, जिसके लिए लोकेशन सर्वे शुरू किया जा रहा है। रेलवे के इज्जतनगर मंडल ने लोकेशन सर्वे शुरू होने की जानकारी से इनकार किया है। खबर के अनुसार पीआरओ राजेंद्र सिंह ने बताया कि लोकेशन सर्वे को सरकार ने मंजूरी दी है, लेकिन सर्वे शुरू होने के बारे में फिलहाल मंडल स्तर पर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है।
1911-12 में अंग्रेज हुकूमत ने शुरू किया था पहला सर्वे
टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन निर्माण की मांग एक सदी पुरानी है। अंग्रेज हुकूमत ने वर्ष 1911-12 में पहली बार इस रेल लाइन निर्माण का सर्वे शुरू किया था, जो पूरा नहीं हो पाया था। आजादी के बाद वर्ष 2006-07 में रेल मंत्रालय ने पहली बार इस रेल लाइन का प्रारंभिक सर्वे कराया था। वर्ष 2015-16 में सरकार ने इस परियोजना को राष्ट्रीय महत्व की परियोजना का दर्जा दिया। वर्ष 2019-20 में अंतिम सर्वे के बाद अब अंतिम लोकेशन सर्वे किया जा रहा है।
रेल लाइन बनने से विकास की मुख्यधारा से जुड़ेगा पहाड़: गोस्वामी
टनकपुर-बागेश्वर रेल पथ निर्माण संघर्ष समिति के अध्यक्ष पूर्व सभासद गंगागिरि गोस्वामी का कहना है कि टनकपुर-जौलजीबी रोड के बाद टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन बनने से चम्पावत, पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिले में विकास के अवसर बढ़ेंगे। पहाड़ के दुर्गम क्षेत्र भी विकास की मुख्यधारा से जुड़ेंगे। पहाड़ के लोगों को न सिर्फ सस्ती परिवहन सुविधा मिलेगी, बल्कि पर्यटन, रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। सीमांत क्षेत्र होने से सामरिक दृष्टि से भी यह रेल लाइन महत्वपूर्ण साबित होगी।
