पूर्णागिरि धाम मंदिर समिति के चुनाव को लेकर सरगर्मी शुरू, तीन माह समाप्त हो रहा समिति का कार्यकाल
टनकपुर। मां पूर्णागिरि धाम मंदिर समिति का पांच वर्षीय कार्यकाल इसी साल अक्तूबर में पूरा हो रहा है। नए चुनाव के लिए धाम के पुजारियों के बीच सरगर्मी शुरू हो गई है। पूर्णागिरि धाम की व्यवस्थाओं में मंदिर समिति की अहम भूमिका रहती है। हर साल होली के बाद चैत्र नवरात्रों में लगने वाले तीन माह के मेले की व्यवस्थाओं के निर्धारण में प्रशासन के साथ मुख्य भूमिका निभाने के अलावा मेले के बाद वर्षभर की व्यवस्था की जिम्मेदारी मंदिर समिति निभाती है। वर्ष 2017 से पहले धाम के पुजारी आपसी सहमति से मंदिर समिति की कार्यकारिणी तय करते थे, लेकिन 2017 में चुनाव को लेकर पुजारियों के दो गुटों में बंटने से पहली बार मतदान से चुनाव की नौबत आई। बायलॉज के मुताबिक समिति का कार्यकाल पांच साल तय है, जो चार माह बाद अक्तूबर में खत्म हो रहा है। इसलिए पुजारियों के बीच नई कार्यकारिणी के चुनाव की सरगर्मी शुरू हो गई है। हालांकि अभी चुनाव की रूपरेखा और तिथि तय नहीं है, लेकिन अध्यक्ष और अन्य पदों के लिए चुनाव लड़ने के इच्छुक पुजारी अपना माहौल बनाने में जुट गए है। समिति के अध्यक्ष पंडित भुवन चंद्र पांडेय का कहना है कि समिति का कार्यकाल अक्तूबर में खत्म हो रहा है। जल्द ही पुजारियों की आम बैठक आयोजित कर नए चुनाव की रूपरेखा तय की जाएगी।