खटीमा में हुई अजब गजब घटना : अंतिम संस्कार के तीन दिन बाद जिंदा लौट आया युवक, लोग हुए हैरान
उत्तराखंड के जनपद उधमसिंह नगर के खटीमा से एक अचंभित करने वाली खबर सामने आई है। खटीमा ने एक परिवार ने एक युवक का अंतिम संस्कार अपना बेटा समझ कर कर दिया, लेकिन उनका बेटा अंतिम संस्कार के के तीसरे दिन जीवित घर लौट आया है। इससे परिजनों में खुशी का माहौल है, लेकिन अब उनकी समझ में नहीं आ रहा है कि जिस युवक का अंतिम संस्कार किया गया था, वह आखिर था कौन। मृतक को पहचानने में परिजनों के साथ पुलिस भी गच्चा खा गई। युवक शनिवार को रुद्रपुर में मिला। इसकी सूचना मिलने पर परिजन दौड़े-दौड़े रुद्रपुर पहुंचे और देर शाम परिजन उसे लेकर घर लौटे आए। युवक रुद्रपुर में किसी होटल में काम कर रहा था। यह घटना क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी रही।
जानकारी के मुताबिक खटीमा के ग्राम श्रीपुर बिचवा निवासी 42 वर्षीय नवीन चंद्र पुत्र धर्मानंद भट्ट डेढ़ साल से लापता था। शराब पीने की आदत के कारण उसकी पत्नी, बेटा और बेटी उससे अलग लखनऊ में रहते हैं। पिछले दिनों रुद्रपुर से सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी रेफर एक युवक की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। मृतक की जेब से नवीन का फोटो के साथ ही हेल्थ चेकअप का फार्म मिला था। इसके साथ ही मृतक का चेहरा भी नवीन का जैसा प्रतीत हो रहा था। जिस कारण से परिजनों ने उसकी शिनाख्त की। इसके बाद युवक के शव को घर लाकर 26 नवंबर को चम्पावत जिले के बनबसा में शारदा घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया। घर में गम का माहौल था, तभी सिडकुल में एक दुकान चलाने वाले नवीन के बड़े भाई कैशव भट्ट उर्फ केडी को उसके परिचित ने रुद्रपुर से फोन कर दुकान बंद रखने की वजह पूछी तो, केडी ने बताया कि उसके भाई नवीन का निधन होने के कारण दुकान बंद है। तब उसने बताया कि उसने नवीन को रुद्रपुर में देखा है। परिजनों ने मजाक समझकर उसकी बात पर ध्यान नहीं दिया। उसके बाद उस युवक ने नवीन के परिजनों की नवीन के साथ वीडियो कॉल कर बात करवा दी। नवीन को जिंदा देख परिजन चौंक पड़े। परिजनों ने इसकी सूचना पुलिस को दी और उसे लेने रुद्रपुर रवाना हो गए। देर शाम परिजन उसे लेकर वापस लौटे। फिलहाल यह मामला क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।
तो किसके शव का किया अंतिम संस्कार
नवीन के जीवित लौटने के बाद ये सवाल खड़ा हो रहा है कि जिसका अंतिम संस्कार किया गया वह शख्स कौन था। पुलिस ने जिस आधार पर अज्ञात शव की तस्दीक नवीन के रूप में की उसके पास फिटनेस प्रमाण पत्र का आवेदन फार्म और फोटो कैसे पहुंचा।
मिलती-जुलती कठ काठी पर खा गए धोखा
नवीन के परिजनों का कहना है कि एक जैसी कद काठी और मिलते-जुलते चेहरे के कारण वह लोग धोखा खा गए थे। उन्होंने एक साल से नवीन को देखा भी नहीं था। इसलिए उनसे शिनाख्त में गलती हो गई थी।