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चम्पावत में हुई साहित्यिक एवं सांस्कृतिक चेतना मंच की रविवासरीय मासान्त काव्य गोष्ठी

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चम्पावत। साहित्यिक एवं सांस्कृतिक चेतना मंच चम्पावत की रविवासरीय मासान्त काव्य गोष्ठी का आयोजन श्री कुर्मांचल एग्लो संस्कृत विद्यालय चम्पावत में किया गया। गोष्ठी में साहित्यिक तथा सांस्कृतिक क्षेत्र के विभिन्न आयामों पर परिचर्चा की गई। साथ ही वर्तमान सामाजिक परिवेश में साहित्य के योगदान तथा साहित्य को समृद्धशाली बनाने के विषय पर भी चर्चा हुई। गोष्ठी में कवियों द्वारा समसामयिक विषयों पर अपनी रचनाएं प्रस्तुत कीं। डॉ. भुवन चंद्र जोशी ने कहा- ध्वजा धर्म की फहराने को हर युग में अवतार लिया, डॉ. सुमन पांडे ने कहा- राम आए थे, राम आए हैं, राम आएंगे, प्रियंका चंद ने कहा- मेरा स्वप्न देशहित, अंकित भट्ट ने कहा- तिरंगा कैसे लहराएगा, कमलदीप जोशी ने कहा- आए हैं प्रभु राम अवध में आए हैं, इंद्र लाल वर्मा ने कहा- तेरे शहर की अनसुनी दास्तां हूं, निगाहों में पढ़ ले खुला आसमा हूं। गोष्ठी की अध्यक्षता सुमन पांडे तथा संचालन इंद्र लाल वर्मा ने किया। आज की साहित्यिक गोष्ठी में नवागंतुक कवि प्रियंका चंद का स्वागत किया गया। मंच से जुड़े इंद्रलाल वर्मा ने अपनी लिखी पुस्तकें जनपद चम्पावत के दर्शनीय स्थल व चम्पावत का सांस्कृतिक वैभव मंच को भेंट कीं।

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