इस्तीफा देने वाले जिला चिकित्सालय चम्पावत के सर्जन को साढ़े छह माह याद आई नौकरी की
चम्पावत। पिछले साल नौ सितंबर को जिला अस्पताल से इस्तीफा देने वाले बांडधारी सर्जन डॉ. राहुल चौहान फिर से जिला अस्पताल लौट आए हैं। उन्होंने 22 अप्रैल को अस्पताल में उपस्थिति की सूचना दी। उन्होंने प्रमुख चिकित्साधीक्षक (पीएमएस) को पत्र भेज फिर से सेवा करने का मौका देने का आग्रह किया। अलबत्ता अभी उन्हें अभी रीज्वाइनिंग नहीं मिल सकी है। पीएमएस ने सर्जन के पत्र को स्वास्थ्य महानिदेशक को भेज मार्गदर्शन मांगा है। जानकारी के अनुसार जिला अस्पताल में 18 जून से सेवा देने वाले सर्जन डॉ. चौहान ने वेतन मिलने में देरी और निजी कारण का हवाला देकर नौ सितंबर 2020 को इस्तीफा दे दिया था। उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं हुआ था। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार साढ़े छह माह से अधिक वक्त तक अस्पताल से अलग रहने के बाद सर्जन ने 22 अप्रैल को अस्पताल जाकर फिर से काम करने की इच्छा जताई। उन्होंने पीएमएस को पत्र भी भेजा। डॉ. चौहान ने कहा कि उनका तीन साल का बांड है, इस अवधि को वे पूरा करना चाहते हैं। अलबत्ता अभी उन्हें रीज्वाइनिंग नहीं मिली है। मालूम हो कि महज 84 दिन से कम सेवा करने के बावजूद सर्जन डॉ. राहुल चौहान ने 55 ऑपरेशन किए थे। उम्दा कार्यशैली और मरीजों के प्रति समर्पण के चलते वे कम समय में खासे लोकप्रिय हो गए थे। शानदार सेवा के लिए उन्हें विधायक कैलाश गहतोड़ी ने सम्मानित भी किया था। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पीएमएस डॉ.आरके जोशी ने कहा है कि बांडधारी डॉक्टर के 15 दिन तक बिना बताए अनुपस्थित रहने पर रीज्वाइनिंग कराने का अधिकार प्रमुख चिकित्साधिकारी को नहीं है। ज्वाइनिंग के लिए निदेशालय पत्र भेजा गया है। वहां से आदेश मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
