चम्पावत में ‘सुरक्षित दवा, सुरक्षित जीवन’ अभियान के तहत मेडिकल स्टोरों पर औचक निरीक्षण, कफ सिरप के पांच नमूने जांच को भेजे गए
चम्पावत। सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण चम्पावत, भवदीप रावते के मार्गदर्शन में, औषधि नियंत्रण विभाग और विधिक सेवा प्राधिकरण ने संयुक्त रूप से ‘सुरक्षित दवा, सुरक्षित जीवन’ अभियान के अंतर्गत चम्पावत क्षेत्र के मेडिकल प्रतिष्ठानों पर औचक निरीक्षण की कार्रवाई की। यह महत्वपूर्ण कदम हाल ही में राजस्थान और मध्य प्रदेश में खांसी की दवा (कफ सिरप) के सेवन से बच्चों की दुखद मृत्यु की घटनाओं को देखते हुए उठाया गया, ताकि जनस्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
निरीक्षण के दौरान, फर्म स्वामियों को औषधियों के उचित भंडारण, एक्सपायर्ड दवाओं को अलग रखने और उनके सही निस्तारण के संबंध में कड़े निर्देश दिए गए। सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने इस दौरान स्पष्ट किया कि बच्चों की सुरक्षा और जनस्वास्थ्य से बड़ा कोई विषय नहीं हो सकता। उन्होंने सभी मेडिकल प्रतिष्ठानों को प्रतिबंधित औषधियों की बिक्री न करने और बिना डॉक्टर की सलाह के कफ सिरप का विक्रय न करने के लिए पाबंद किया। साथ ही, औषधि निरीक्षक चम्पावत हर्षिता ने मेडिकल स्टोर स्वामियों को सख्त हिदायत देते हुए कहा कि पाँच वर्ष से कम आयु के बच्चों को बिना डॉक्टर की सलाह के खांसी या जुकाम की कोई भी दवा न दी जाए, और दो वर्ष से कम आयु के बच्चों में तो इन दवाओं का सामान्य उपयोग बिल्कुल भी अनुशंसित नहीं है। इसके अतिरिक्त, जिले से कफ सिरप 05 के नमूने लेकर उन्हें तत्काल जांच हेतु विश्लेषणशाला को भेजे गए हैं। लैब से रिपोर्ट मिलने के बाद, ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट 1940 के नियमानुसार आगे की आवश्यक कार्यवाही की जाएगी। सचिव से प्राप्त निर्देशों के अनुपालन में, जनपद में मेडिकल प्रतिष्ठानों के सत्यापन की यह कार्यवाही निरंतर जारी रहेगी। इस संयुक्त निरीक्षण में औषधि नियंत्रण औषधि निरीक्षक चम्पावत हर्षिता सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
