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स्वांला डेंजर जोन : 10वें दिन भी हालात जस के तस, लोगों में बढ़ता जा रहा रोष

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चम्पावत। टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित डेंजर जोन स्वांला में दसवें दिन भी हालात जस के तस हैं। रविवार को भी स्वांला डेंजर जोन में आया मलवा नहीं हटाया जा सका है। जिससे एनएच पर आवाजाही ठप है। जिससे लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जाम के चलते सब्जी अन्य सामान वाया हल्द्वानी देवीधूरा से आ रहा है, जिसके चलते लोगों की जेब पर मार पड़ रही है। कामकाज पर भी खासा असर पड़ा है। पर्याप्त सामान न आ पाने के कारण व्यापारियों के कारोबार पर भी असर पड़ रहा है। जानकारी के मुताबिक कल 6 सितंबर की रात करीब 9 बजे जेसीबी ने स्वांला के मलबे को साफ कर मशीन को आर-पार कराया था, लेकिन कुछ ही देर बाद पहाड़ी से फिर से मलवा आने से हालात दुबारा पहले जैसे हो गए। मलवा हटाने के एनएच खंड के तमाम प्रयास विफल हो रहे हैं। एनएच न खुल पाने की वजह से लोगों में शासन प्रशासन के खिलाफ रोष बढ़ता जा रहा है। पिछले दिनों व्यापारियों ने अपने गुस्से का इजहार करते हुए एनएच खंड का पुतला भी दहन किया था।

राष्ट्रीय राजमार्ग के लोहाघाट खंड के अधिशासी अभियंता दीपक कुमार जोशी तो मौके पर डटे हैं ही, एसई हरीश सिंह पांगती भी कई दिनों से सुपरविजन कर रहे हैं। बावजूद इसके बंद रोड का इलाज फिलहाल किसी के पास नहीं है। रोड कब खुलेगी? सुरक्षित और अवाध आवाजाही कब शुरू होगी? इसका सटीक जवाब देने की स्थिति में कोई नहीं है। बस विभाग का एक ही जवाब है कि सड़क को जल्द से जल्द खोलने के लिए सभी संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
अलबत्ता दो वैकल्पिक मार्गों (चम्पावत-सिप्टी-अमोड़ी-टनकपुर रोड या सूखढांग-रीठा साहिब धूनाघाट-लोहाघाट) से वाहनों के आवागमन की व्यवस्था की गई है। अलबत्ता इन मार्गों से दूरी और किराया जरूर बढ़ रहा है। उधर, चम्पावत जिले की सीमांत की टनकपुर-जौलजीबी सड़क भी 3 सितंबर से बंद है। इस निर्माणाधीन सड़क पर लादीगाड़ के पास चट्टान आने से रास्ता बंद है। पीआईयू के अधिशासी अभियंता आदर्श गोपाल का कहना है कि सड़क खोलने के लिए मशीनें लगाई गई हैं।