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टनकपुर : रेलवे का नोटिस मिलते ही क्षेत्र में मचा हड़कंप, लोगों ने सीएम को ज्ञापन भेजा

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टनकपुर। शुक्रवार को टनकपुर क्षेत्र में रेलवे द्वारा अतिक्रमण खाली करने का नोटिस जारी होने के बाद से क्षेत्र में हड़कंप मच गया। नोटिस मिलने के बाद से बीते 50-60 वर्षों से भूमि में काबिज लोगों के सामने दीपावली के समय सिर छुपाने का संकट आ गया। नोटिस जारी होने के बाद से सीएम कैंप कार्यालय पहुंचे प्रभावितों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भेजा।

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ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के चम्पावत जनपद के टनकपुर शहर में पिछले 50-60 वर्षों से सैकड़ों परिवारों के लोग घर व दुकानें बना कर टनकपुर शहर की मुख्य सड़क के किनारे काबिज हैं। उन्होंने कहा कि वह सभी परिवार गृह कर, विद्युत कर एवं जलकर नियमानुसार समय पर राज्य सरकार को जमा करते हैं और सभी के पास सम्बन्धित दस्तावेज मौजूद हैं, बावजूद इसके रेलवे प्रशासन द्वारा बार-बार घर व दुकानों को तोड़ने की सूचना दी जाती है।

उन्होंने कहा कि 25 अक्टूबर को भी रेलवे के कुछ कर्मचारियों द्वारा घरों व दुकानों पर नोटिरा चस्पा कर दिए गये है जिसके कारण आम जनता में भय व्यापत है। अतिक्रमण के नाम पर घर व दुकान तोड़नें की स्थिति में उनके परिवारों के सामने रोजी-रोटी के साथ ही रहने के लिये आवास का संकट हो जायेगा। ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने कहा कि सभी के 50-60 वर्षों से बने पक्के मकान व दुकान किसी भी प्रकार से रेलवे के विकास को प्रभावित नहीं करते है, फिर भी इन सभी परिवारों पर संकट बना हुआ है। यदि इनके मकानों और दुकानों को तोड़ा गया तो सभी परिवार सड़क पर आ जायेंगे, जो कि अत्यंत ही दुखद एवं दुर्भाग्यपूर्ण विषय है। उन्होंने मामले का संज्ञान लेते हुये सभी परिवारों को संकट से बाहर निकालने की गुहार लगाई है।
रेलवे की कार्रवाई से प्रभावित संगीता शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय की ओर से उन्हें आश्वासन दिया गया है कि कल इस तरह की कोई कार्रवाई नहीं नहीं होने दी जाएगी। त्योहारी सीजन से पहले किसी का बसेरा नहीं उजड़ेगा। ज्ञापन देने वालों में संगीता शर्मा, गौरव गुप्ता, सुनील वाल्मीकि, रमेश तिवारी, सुरेंद्र गुप्ता, वीरेंद्र शर्मा, रविंदर, उषा देवी, नीलम गुप्ता, तौसीफ, विजय शर्मा, राम किशोर कश्यप, मंगल, पूरन चंद भट्ट, मोहसिन सहित सैकड़ों लोग शामिल थे।

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