टनकपुर : भारत-नेपाल सिंचाई नहर का ट्रायल हुआ सफल
टनकपुर। भारत-नेपाल के बीच बनाई गई सिंचाई नहर का निर्माण कार्य पूरा हो गया है। सोमवार को एनएचपीसी के आला अधिकारियों ने संयुक्त निरीक्षण के बाद नहर का ट्रायल किया गया। जो पूरी तरह सफल रहा। कार्य पूरा करने वाले इंजीनियरों को अधिकारियों ने शाबासी दी। दरअसल, वर्ष 1991 में भारत नेपाल के बीच संधि के तहत कैनाल से भारत ने अपनी ओर से 1.2 किमी नहर का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया है। प्रोजेक्ट पूरा करने के बाद कार्यपालक निदेशक क्षेत्र चंडीगढ़ के सुरजीत कुमार संधु और एनएचपीसी के अधिकारियों ने सोमवार को बैराज पहुंचकर नहर की
जांच और परीक्षण किया। पहले चरण में ईएल 241.99 मीटर तक पानी भरकर सफल परीक्षण किया गया। परीक्षण के दौरान दोनों देशों के नागरिक का आवागमन बंद रहा। इस दौरान अधिकारियों द्वारा नहर के समीप बने कंट्रोल रूम का भी शुभारंभ किया। नहर का सोमवार को एनएचपीसी के अधिकारियों ने ट्रायल किया। नहर की कार्यदाई संस्था मध्य प्रदेश की एएनएस कंपनी के प्रोजेक्ट को-ऑर्डिनेटर वीएस राणा ने बताया कि 57 करोड़ की लागत से नहर का निर्माण किया गया है। लॉकडाउन की वजह से कार्य बाधित हो गया था। इस मौके पर एनएचपीसी के जीएम राजीव सचदेव महाप्रबंधक ईसी मदन लाल महाप्रबंधक सिविल गोपाल सिंह बिष्ट सहित आदि लोगों मोजूद रहे।
नेपाल की ओर से नहर का काम पूरा होना बाकी
टनकपुर । भारत की ओर से नहर का कार्य पूरा कर लिया गया है। जबकि नेपाल की ओर से उनकी भूमि पर कुछ कार्य अधूरा रह गया है। जिसे पूरा होते ही पानी की प्रतिदिन सप्लाई की जा सकेगी। एक अनुमान के मुताबिक करीब 20 से 30 मीटर नहर निर्माण का नेपाल की ओर से काम अधूरा है।