टनकपुर: थम नहीं रहा वनस्पति विज्ञान के प्रोफेसर का विवाद, छात्रों ने उच्च शिक्षा निदेशक से की कार्रवाई की मांग

टनकपुर/चम्पावत। राजकीय महाविद्यालय टनकपुर में वनस्पति विज्ञान विभाग के प्रोफेसर सुनील कुमार कटियार के विवादित व्यवहार ने छात्रों को आक्रोशित कर दिया है। शनिवार को एक बार फिर विद्यार्थियों और प्राध्यापक के बीच उपस्थिति को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ, जब प्रोफेसर पर आरोप लगा कि उन्होंने उपस्थित छात्रों को अनुपस्थित दिखा दिया। इस पर नाराज छात्रों ने उच्च शिक्षा निदेशक को शिकायती पत्र भेजा और उचित कार्रवाई की मांग की। वहीं शुक्रवार को भी छात्र नेताओं ने प्राचार्य को ज्ञापन सौंप कर कार्यवाही की मांग की थी।


प्राचार्य ने इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रोफेसर कटियार को अपना व्यवहार सुधारने की सलाह दी। हालांकि, छात्र नेताओं ने कहा कि यदि प्रोफेसर का व्यवहार नहीं सुधरा, तो वे उग्र आंदोलन करेंगे। छात्रों ने संयुक्त निदेशक एएस उनियाल से फोन पर संपर्क किया और प्राध्यापक पर कार्रवाई की मांग की। संयुक्त निदेशक ने उन्हें उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। प्राचार्य ने इस विवाद पर कहा कि ‘हर किसी का अपना व्यवहार होता है’, लेकिन छात्रों का मानना है कि यदि उचित कदम नहीं उठाए गए, तो वे इसे लेकर बड़ा आंदोलन कर सकते हैं। इस मामले में अब सबकी नजरें उच्च शिक्षा निदेशक की कार्रवाई पर टिकी हैं।
वहीं शुक्रवार को कॉलेज के छात्र नेताओं ने वनस्पति विज्ञान के प्रोफेसर पर कार्रवाई की मांग को लेकर प्राचार्य को ज्ञापन दिया था। छात्रों ने प्रोफेसर पर आंतरिक परीक्षा में कम अंक देने सहित तमाम आरोप लगाए। छात्र नेता हर्षित शर्मा के नेतृत्व में छात्र नेताओं ने प्राचार्य डॉ. अनुपमा तिवारी को ज्ञापन दिया। कहा कि वनस्पति विज्ञान के प्रो डॉ. एसके कटियार की लगातार शिकायतें आ रही हैं। वे वनस्पति विज्ञान के छात्रों को आंतरिक परीक्षाओं में उचित अंक नहीं दे रहे हैं। जबकि उनके लिखित परीक्षाओं में प्रदर्शन अच्छे होते हैं। कहा कि वह छात्रों को मानसिक रूप से परेशान कर रहे हैं। जिससे छात्रों के मनोबल को ठेस पहुंच रही है। वहीं प्रो. कटियार ने उन पर लगाए सारे आरोपों को खारिज को किया है। ज्ञापन देने वालों में पूर्व छात्र परिषद अध्यक्ष मयंक पंत, छात्र नेता मनीष सिंह बिष्ट, समीर सिंह, आनंद यादव, राजेंद्र सिंह बिष्ट, मिलन सिंह, कोमल राय, मुकुल सिंह सनी यादव आदि शामिल रहे।
