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टनकपुर : गीता के लिए बाघ से भिड़ी दो ‘शेरनियां’, महिला को खूंखार के मुंह से खींच लाईं दोनों, बुलंद हौसलों से जीती ‘जिंगदी की जंग’

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टनकपुर। पूर्णागिरि रोड पर स्थित ग्राम उचौलीगोठ में जानवरों के लिए चारा पत्ती लेने बूम रेंज के जंगल गई एक महिला पर बाघ ने हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। साथी महिलाओं के शोर मचाने और पत्थर से हमला करने के बाद बाघ जंगल में भाग गया। घायल महिला को ग्रामीणों ने अस्पताल पहुंचाया, जहां उनके सिर पर 21 टांके आए। इलाज के बाद उसकी हालत खतरे से बाहर है। इधर परिजनों के आग्रह पर महिला को सीटी स्कैन के लिए हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल रेफर किया गया है।

जानकारी के अनुसार मंगलवार को ऊचौलीगोठ गांव की गीता देवी (36) पत्नी रमेश सिंह दो अन्य महिलाओं जानकी देवी (36) और पार्वती देवी (37) के साथ घास लेने के लिए चार किमी दूर बूम रेंज के जंगल में गई थीं। इस दौरान बाघ ने गीता देवी पर हमला कर दिया। शोर सुनने के बाद कुछ दूरी पर घास काट रहीं साथी महिलाओं ने हिम्मत कर बाघ पर लकड़ी-पत्थर बरसाए। बाघ पीछे हटा लेकिन कुछ ही देर बाद उसने महिला पर दोबारा हमला किया और करीब चार मीटर तक गीता देवी को घसीटता हुआ ले गया। इधर गीता के साथ गईं महिलाओं ने भी हिम्मत नहीं हारी और पूर्णागिरि देवी के उद्घोष लगाने के साथ ही उन्होंने बाघ पर खूब पत्थर और लकड़ी से प्रहार किया, जिस पर बाघ पीछे हटा और जंगल की ओर भाग गया। दोनों महिलाएं किसी तरह गीता देवी को जंगल से बाहर सड़क तक लाईं। सूचना पर पहुंचे सामाजिक कार्यकर्ता गणेश सिंह और कुछ अन्य लोग जख्मी गीता को उप जिला अस्पताल लाए।

डॉ. आफताब ने बताया कि बाघ के पंजा मारने से महिला के सिर पर कई घाव बने हैं। उनके सिर पर 21 टांके आए हैं। इलाज के बाद उनकी हालत में सुधार है। घटना की जानकारी मिलने पर शारदा रेंज के वन क्षेत्राधिकारी पूरन चंद्र जोशी, एसडीएम आकाश जोशी और विधायक प्रतिनिधि दीपक रजवार तुरंत अस्पताल पहुंचे। चोटिल महिला के साथ गई जानकी देवी से मिली जानकारी के आधार पर रेंजर ने हमलावर जानवर के बाघ होने की आशंका जताई है। यह जंगल बूम रेंज की सीमा पर होने की वजह से शारदा के अलावा बूम के रेंजर गुलजार हुसैन ने मौका मुआयना कर जानकारी जुटाई।

कुछ दिन जंगल जाने से बचने की अपील
टनकपुर में बाघ के हमले को देखते हुए वन अधिकारियों ने ग्रामीणों को एहतियात बरतने की नसीहत दी है। साथ ही कुछ दिनों तक जंगल जाने से बचने की अपील भी की गई है। रेंजर ने कहा कि क्षेत्र में गश्त बढ़ाई जाएगी। इधर गांव के सामाजिक कार्यकर्ता आनंद सिंह महर ने गश्त बढ़ाने के साथ सुरक्षा के सभी उपाय करने का अनुरोध किया है। बंदूक के कारतूस की गंध से बाघ के दूर जाने की दलील देते हुए हवाई फायर करवाने की वन विभाग से मांग की है। महर का कहना है कि पूर्णागिरि मार्ग के दोनों तरफ जंगल होने से बाघ के फिर से सड़क पर आने के खतरे से बचने के लिए ये कदम उठाया जाए।