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टनकपुर की मनीषा रुद्रपुर में बनीं स्विग्गी गर्ल, हौसले की हर तरह हो रही है चर्चा

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उत्तराखंड के जनपद चम्पावत के टनकपुर की रहने वाली मनीषा बोहरा की इन दिनों खासी चर्चा हो रही है। वे सोशल मीडिया में छाई हुई हैं। क्योंकि मनीषा ने हौसला दिखाते हुए वह कार्य शुरू किया है, जिसे आमतौर पर पुरुष करते हैं। वे जनपद उधम सिंह नगर के रुद्रपुर में फूड डिलीवरी गर्ल के तौर पर काम कर रही हैं। वे क्षेत्र की पहली डिलीवरी गर्ल हैं। स्विग्गी गर्ल के नाम से प्रसिद्ध हो रही मनीष परिवार के भरण पोषण के लिए सुबह से देर रात तक कार्य करती हैं।

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दुनियाभर के साथ साथ उत्तराखंड में ऑनलाइन फूड की डिलीवरी का चलन तेजी से बढ़ते हुए दिख रहा है। इसी कारण फूड डिलीवरी करने वाली कंपनियां बड़ी तादाद में युवक और युवतियों की भर्ती कर रही हैं, जिसके चलते उत्तराखंड के जनपद उधम सिंह नगर में एक महिला की होम डिलीवरी करते तस्वीरें वायरल हुईं। ये महिला क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गई, क्योंकि यह महिला फूड डिलीवरी गर्ल है। ये महिला फूड डिलीवरी से अपने परिवार का भरण पोषण करने टनकपुर से रोजगार के लिए रुद्रपुर आई और अब महिलाओं के लिए एक प्रेरणा बन गई है।

चम्पावत जिले के टनकपुर क्षेत्र की रहने वाली मनीषा बोहरा काम की तालाश में दो महीने पहले ही रुद्रपुर आई थी। कई जगह पर रोजगार की तालाश करने के बाद भी जॉब नहीं लगी तो एक दिन स्विग्गी (Swiggy) से जुड़े युवक से कंपनी के बारे में जानकारी ली। फिर स्विग्गी से जुड़कर पिछले डेढ़ महीने से रुद्रपुर से लेकर गदरपुर, पंतनगर और किच्छा तक फूड डिलीवरी करने जाती है। अपनी दो बेटियों के अच्छे भविष्य के लिए मनीषा ने काम शुरू किया। आज मनीषा के हौसलों की रुद्रपुर के साथ साथ आसपास के क्षेत्र में काफी सराहना हो रही है।

दो बेटियों की है जिम्मेदारी
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बातचीत करते हुए मनीषा ने बताया कि मेरी दो बेटी हैं। जिनको बेहतर शिक्षा दिलाना मेरी जिम्मेदारी है। अपनी बेटियों के बेहतर भविष्य के लिए वे उन्हें मायके टनकपुर में छोड़कर रुद्रपुर दो महीने पहले आई थीं। कई जगह पर काम ढूंढने का प्रयास किया, लेकिन काम नहीं मिल पाया था। इसके बाद स्विग्गी के बारे में जानकारी ली और कंपनी से डेढ़ महीने पहले जुड़ गई। उन्होंने कहा कि तब से लगातार सुबह से लेकर रात 11-12 बजे तक ऑनलाइन ऑर्डर आने पर फूड डिलीवरी करती हूं। दिन में किच्छा, पंतनगर, लालपुर और गदरपुर तक फूड डिलीवरी करने जाती हूं।

संघर्ष से परिणाम अच्छे मिलेंगे
मनीषा ने कहा कि जब मैंने शुरुआत की तो मुझे काफी कठिन लगता था, लेकिन धीरे-धीरे काम समझ में आने लगा। अब मुझे फूड डिलीवरी का काम काफी अच्छा लगता है, क्योंकि कभी भी छुट्टी लेकर अपने बच्चों से मिलने मैं टनकपुर चली जाती हूं। उन्होंने कहा कि मैं महिलाओं से बस इतना कहना चाहती हूं कि कठिन कुछ भी नहीं होता है, आपको अपनी बेहतरी के लिए खुद ही संघर्ष करना पड़ेगा। जब संघर्ष करोगी तो परिणाम भी अच्छे आएंगे।

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