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चम्पावत को नई पहचान दिलाएगी शिक्षक इंद्र लाल वर्मा की पुस्तक ‘चम्पावत का सांस्कृतिक वैभव’, केंद्रीय मंत्री ने किया विमोचन

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शिक्षक इंद्र लाल वर्मा

चम्पावत की संस्कृति, परंपरा व जनपद के ऐतिहासिक धार्मिक स्थलों का परिचय कराने वाली शिक्षक इंद्र लाल वर्मा की पुस्तक ‘चम्पावत का सांस्कृतिक वैभव’ चम्पावत को निश्चित ही नई पहचान दिलाएगी। उन्होंने इस पुस्तक का ​लेखन उत्तर भारत के 20 प्रमुख शहरों के लिए केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय द्वारा शुरू की गई ‘शहरों की दास्तान परियोजना’ के तहत किया है। पुस्तिका का वर्चुअल विमोचन केंद्रीय पर्यटन व संस्कृति मंत्री प्रह्लाद पटेल ने मध्य प्रदेश के दमोह में गत 19 जून को किया। पुस्तिका का विमोचन होने पर जिलाधिकारी समेत शिक्षा विभाग से जुड़े अधिकारियों ने लेखक को बधाई दी है। कहा है कि इससे पर्यटन के क्षेत्र में जिले को नई पहचान मिलेगी।
केंद्रीय मंत्री ने पुस्तिका की सराहना करते हुए चम्पावत जनपद को पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थल बताया। पुस्तक के लेखक इंद्र लाल वर्मा ने बताया कि सीसीआरटी नई दिल्ली द्वारा इस पुस्तिका का प्रकाशन किया गया है। सीसीआरटी के नवसृजित क्षेत्रीय कार्यालय दमोह (मध्य प्रदेश) में इसका विमोचन हुआ। बताया कि विमोचन कार्यक्रम में सीसीआरटी की अध्यक्ष डा. हेमलता, निदेशक ऋषि वशिष्ठ, उपनिदेशक राजेश भटनागर, नंदलाल सहित तमाम लोग मौजूद रहे। इस दौरान उन्होंने चम्पावत शहर के प्राकृतिक सौंदर्य का चित्रों द्वारा अवलोकन किया। इस पुस्तिका का विमोचन होने पर जिलाधिकारी विनीत तोमर, जिला शिक्षा अधिकारी आरसी पुरोहित, जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) दलेल सिंह राजपूत, जिला शिक्षा अधिकारी (बेसिक) सत्य नारायण सचान, बाराकोट के खंड शिक्षा अधिकारी आरआर लोहिया आदि ने इंद्र लाल वर्मा को बधाई दी है। उन्होंने बताया कि चम्पावत का सांस्कृतिक वैभव पुस्तिका को लिखने में चम्पावत जिले के तत्कालीन डीएम दीपेंद्र कुमार चौाधरी, सी हॉक के चेयरमैन नरेंद्र लडवाल, पूर्व प्रधानाचार्य डा. बीसी जोशी आदि का काफी अधिक सहयोग रहा। गौरतलब है कि इससे पहले इंद्र लाल वर्मा दो और पुस्तकें लिख चुके हैं। उनकी पहली पुस्तक ‘उत्तराखंड का सीमांत जनपद चम्पावत’ व दूसरी ‘चम्पावत के दर्शनीय स्थल’ है।

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