रेप के आरोपी ने की अपने वकील की हत्या, बोला- केस में नहीं की ठीक से पैरवी, फीस के बदले छीन ली थी बाइक
उत्तर प्रदेश के झांसी में चौंकाने वाला मामला आया है। 62 वर्षीय वकील भानु प्रकाश सिरवारिया का बीते मंगलवार को शव मकान की सीढ़ियों पर मिला था। वकील की बेटी ने हत्या की आशंका जताई थी। पुलिस को भी समझ नहीं आ रहा था कि मौत कैसे हुई। इस बीच जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए और पुलिस ने वकील के पड़ोसी को पकड़कर पूछताछ की। पड़ोसी ने कड़ी पूछताछ के बाद जो कहानी बताई उसे सुनकर सभी हैरान रह गए।
एसपी सिटी ज्ञानेंद्र कुमार सिंह ने बताया है कि गुरसराय निवासी वकील भानु प्रकाश सिरवारिया थाना नवाबाद क्षेत्र के तालपुरा में वर्षों से किराए के मकान में रह रहे थे। उनका शव मंगलवार सुबह उनके घर में संदिग्ध अवस्था में मिला था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गला दबाकर हत्या होने की बात सामने आई। पुलिस ने वकील के दामाद की तहरीर पर जांच शुरू की थी। एसपी सिटी ज्ञानेंद्र कुमार सिंह ने बताया है कि जांच के दौरान बिल्डिंग में रह रहे सभी किराएदारों, पड़ोसियों सहित लगभग 25 लोगों से पूछताछ की गई। इनमें अधिवक्ता के सभी क्लाइंट और रिश्तेदार भी शामिल थे। आखिरकार पुलिस की शक की सुई वकील के पड़ोसी सचिन कुमार वर्मा पुत्र प्रेम कुमार दशारिया पर आकर रुकी। उसे शुक्रवार दोपहर झांसी में किसान बाजार से गिरफ्तार कर लिया गया।
दरअसल, वकील भानु प्रकाश सिरवारिया का पड़ोसी सचिन कुमार शर्मा एक रेप के केस में आरोपी है। इस मामले में वह जेल भी जा चुका है और इन दिनों जमानत पर चल रहा था। सचिन के केस की पैरवी वकील भानु प्रकाश सिरवारिया ही कर रहे थे। सचिन ने पुलिस को बताया कि वह 2021 में 17 साल की एक लड़की से प्रेम करता था। उससे शादी करना चाहता था। इसलिए दोनों घर से भाग गए थे लेकिन, लड़की की बहन ने उसके खिलाफ FIR दर्ज करा दी थी। इस पर पुलिस ने हम दोनों को पकड़ लिया था और रेप के आरोप में मुझे जेल भेज दिया था।
सचिन ने बताया कि अधिवक्ता भानु प्रकाश सिरवारिया उसके पड़ोस में ही रहते थे। भानु प्रकाश वकील होने के साथ 2000 से 2005 तक नगर पंचायत अध्यक्ष भी रहे हैं और भाजपा के नेता हैं। उसने उनसे ब्याज पर रुपए ले रखे थे। परिजनों ने केस की पैरवी के लिए उनको ही वकील बना लिया। सचिन ने पुलिस को बताया कि रेप केस में वकील भानु प्रकाश इंट्रेस्ट नहीं ले रहे थे। पैरवी में लापरवाही बरत रहे थे। इसके चलते अदालत से उसके खिलाफ वारंट जारी हो गया था और उसे फिर से 3 महीने के लिए जेल जाना पड़ा। इसके बाद वह फिर से जमानत पर छूटकर आया तो वकील फीस के लिए दबाव डालने लगा था।
एसपी सिटी ज्ञानेंद्र कुमार सिंह के अनुसार सचिन ने पूछताछ में बताया कि वह वकील को फीस के रुपए नहीं दे पा रहा था। इसलिए वकील उन रुपयों पर ब्याज लगाते जा रहा था। इसके साथ ही एक दिन वकील जबरन उसकी 60 हजार रुपये की अपाचे बाइक भी छीन कर ले गया और अपने पास रख ली थी। सचिन ने बताया कि केस की पैरवी लापरवाही बरतने के चलते वह हारने की कगार पर खड़ा था। अगली सुनवाई में कोर्ट उसे सजा सुना सकती है। वकील भानु प्रकाश केस में दिलचस्पी नहीं ले रहे थे और बार-बार रुपए की डिमांड कर रहे थे। इस बीच जब वह मेरी बाइक छीनकर ले गए तो वह परेशान हो गया और मंगलवार को उसने वकील की गला दबाकर हत्या कर दी।
