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शौकिया तौर पर एपण बनाने की कला ने सुमन को दिलाया रोजगार

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उत्तराखंड की वास्तुकला व संस्कृति में ढल रहे कलेक्ट्रेट भवन में एपण का तड़का लगाकर उसे सजा रही है सुमन एवं सुहानी

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चम्पावत। लोहाघाट नगर के समीप रायकोट महर गांव की सुमन को एपण बनाने के शौक को एपीडी बिम्मी जोशी के दिशा निर्देशन में एनआरएलएम के बीएमएम मुशीर अहमद ने तरासने का काम किया, तो उसका इस दिशा में शौक बढ़ता गया। इसी दौरान उन्हें लोहाघाट ब्लॉक के लिए भी एपण की पेंटिंग करने का आर्डर मिला तो उनका यह शौक उनके लिए आजीविका का माध्यम बनने लगा।

सुमन का यह व्यवसाय उस समय और फलने फूलने लगा जब एपीडी के जरिए उत्तराखंड में चल रहे राष्ट्रीय खेलों के लिए उन्हें एक साथ 300 पेंटिंग बनाने का ऑर्डर मिलने से इनका उत्साह और बढ़ गया तथा लगातार हाथ चलने से उनकी पेंटिंग में निखार भी आता गया। नाबार्ड से इसकी और ट्रेनिंग मिलने के बाद सुमन दूसरों को ट्रेनिंग देने लगी। उसने 30 बालिकाओं को इस कार्य का प्रशिक्षण दिया है। जिसमें चार बालिकाओं ने इसे अपनी आजीविका का माध्यम बना लिया है।


एपीडी विम्मी जोशी द्वारा कलेक्ट्रेट को कुमाऊं की संस्कृति से पेंटिंग के द्वारा संवारने, सजाने का काम सुमन को दिया गया। उसके साथ कोलीढेक की सुहानी भी पेंटिंग कर रही है। इनकी पेंटिंग कला ने कलेक्ट्रेट में नई चमक, भव्यता व दिव्यता ला दी है। हर कोई उनकी कला को देखकर इन्हें बधाई दे रहा है। एपीडी का कहना है कि यहां की बालिकाएं इतनी हुनरमंद हैं कि उन्हें थोड़ा सहारा देने के बाद वह अपने पांव में खड़ी हो जाती है। उनके उत्साह को देखते हुए यहां महिलाओं से संबंधित सभी कार्यक्रमो में सफलता मिलना स्वाभाविक है।

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