थम नहीं रहा जीआईसी सूखीढांग में तैनात भोजनमाता की नियुक्ति का विवाद
टनकपुर। राजकीय इंटर कॉलेज सूखीढांग में भोजन माता की नियुक्ति का विवाद नहीं सुलझ सका है। मामले को सुलझाने के लिए शिक्षा विभाग ने 22 दिसंबर को स्कूल में एसएमसी और पीटीए की खुली बैठक बुलाई है। सोमवार को स्कूल पहुंचे 57 बच्चों में से सिर्फ 16 एससी बच्चों ने ही भोजनमाता के हाथों बना खाना खाया। सवर्ण बच्चों ने खाना खाने से इनकार कर दिया। सूखीढांग के इंटर कॉलेज में भोजन माता की नियुक्ति में पहले सवर्ण और फिर एससी महिला को नियुक्त करने से विवाद पैदा हो गया है। प्रधानाचार्य प्रेम आर्या का कहना है कि एससी भोजन माता ने 13 दिसंबर से स्कूल में भोजन पकाना शुरू किया है। पहले दिन सभी बच्चों ने एक साथ बैठकर स्कूल में पका भोजन खाया, लेकिन दूसरे दिन से सवर्ण बच्चों ने स्कूल में पका भोजन खाना बंद कर दिया है। भोजन माता की नियुक्ति में कॉलेज प्रशासन, ग्राम प्रधान, एसएमसी, पीटीए, अभिभावक एक-दूसरे पर धांधली का आरोप लगा रहे हैं। प्रधानाचार्य ने बताया कि बीईओ की मौजूदगी में 22 दिसंबर को एसएमसी, पीटीए की खुली बैठक बुलाई गई है।
पूर्व में चयनित महिला ने सीईओ से लगाई न्याय की गुहार
टनकपुर। भोजन माता की नियुक्ति के विवाद में सोमवार को एसएमसी और पीटीए से पहले चयनित भोजन माता पुष्पा भट्ट ने स्कूल प्रशासन पर नियुक्ति में धांधली का आरोप लगाया है। उन्होंने चम्पावत जाकर सीईओ से इस आरोप की जांच कर न्याय दिलाने की गुहार लगाई है। उसने बताया कि पिछले माह 25 नवंबर को चयन समिति ने भोजन माता के पद पर उसका चयन किया था, लेकिन स्कूल प्रशासन ने चयन समिति के फैसले को निरस्त कर दूसरी महिला को भोजन माता बना दिया है। पुष्पा ने चयन समिति की रिपोर्ट भी सीईओ को सौंपी है।
