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तामली के प्रसिद्ध कालशन मंदिर में अब नहीं होगी बलि प्रथा

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चम्पावत। दशहरा पर्व पर सीमांत तल्लादेश के तामली के प्रसिद्ध कालशन मंदिर में अब बलि प्रथा नहीं होगी। ग्रामीणों ने अदालत के आदेश का पालन करते हुए बलि प्रथा बंद करने का निर्णय लिया है। बुधवार एक अक्टूबर को चम्पावत के तहसीलदार ईश्वरी राम की नेतृत्व में राजस्व विभाग की टीम ने गांव पहुंचकर ग्रामीणों के साथ बैठक की और उनसे बलि प्रथा बंद करने को लेकर अदालत की ओर से दिए गए दिशा निर्देशों की जानकारी दी। तहसीलदार ने कहा कि बलि प्रथा कानूनन अपराध है। इस संबंध में कोर्ट के निर्णय का अनुपालन करना जरूरी है। जिसके बाद ग्रामीणों एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने सर्वसम्मति से बलि प्रथा बंद करने का निर्णय लिया। दशहरा पर्व पर कालशन मंदिर में सदियों से बकरे की बलि देने की प्रथा चली आ रही है। बलि प्रथा को बंद करने का निर्णय काफी सकारात्मक है। बैठक में जिला पंचायत सदस्य शैलेंद्र जोशी, ज्येष्ठ उप प्रमुख मनोज जोशी, ग्राम प्रधान देवेश जोशी, राजस्व निरीक्षक छत्र सिंह बोहरा, उप निरीक्षक सपना ओली, सहित देव डांगर और बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।