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चम्पावत # इंजीनियर की राह तक रही पहली पोर्टेबल एक्सरे मशीन

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चम्पावत। इंजीनियर के नहीं आने से चम्पावत जिले की पहली पोर्टेबल एक्सरे मशीन का उपयोग नहीं हो पा रहा है। 36 दिन बाद भी इस मशीन को इंस्टॉल नहीं किया जा सका है। इस वजह से चलने-फिरने में अक्षम मरीजों को मशीन का लाभ नहीं मिल पा रहा है। चम्पावत जिला अस्पताल में 30 जून में पोर्टेबल एक्सरे मशीन आई थी। हंस फाउंडेशन ने इस मशीन को दान किया था। लेकिन 36 दिन दिन बीतने के बाद भी इस मशीन से परीक्षण शुरू नहीं हो सके हैं। इसकी वजह मशीन को इंस्टॉल करने के लिए इंजीनियरों का नहीं आना है। जिला अस्पताल के पीएमएस डॉ. आरके जोशी ने बताया कि मशीन को इंस्टॉल करने के लिए इंजीनियरों की मांग कई बार की जा चुकी है। इंजीनियरों के न आने से अभी मशीन का उपयोग नहीं हो पा रहा है। बता दें कि पोर्टेबल एक्सरे मशीन का इस्तेमाल ऐसी हालत में किया जाता है, जब अस्पताल में भर्ती मरीज बिस्तर से उठकर एक्सरे कक्ष तक नहीं जा सकता। इस मशीन से सबसे बड़ी राहत चलने-फिरने में अक्षम, गंभीर और अस्पताल में भर्ती मरीजों को होगी। यह पोर्टेबल एक्सरे मशीन मरीज के बिस्तर के पास जाकर एक्सरे लेगी। एक्सरे के जरिये शरीर के भीतर की तस्वीर निकाल हड्डी, छाती, गठिया, रक्त वाहिकाओं में रूकावट सहित कई बीमारियों के निदान, निगरानी और इलाज में मदद मिलती है।

केवल दो अस्पतालों में हो रहे हैं एक्सरे
चम्पावत। जिले के चार सरकारी अस्पतालों में एक्सरे मशीन हैं, लेकिन परीक्षण की सुविधा सिर्फ दो अस्पतालों में है। जिला अस्पताल के अलावा लोहाघाट उप जिला अस्पताल में ही परीक्षण हो रहे हैं। टनकपुर उप जिला अस्पताल में तकनीशियन नहीं होने से एक्सरे नहीं हो रहे हैं। इसी तरह पाटी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भी एक्सरे परीक्षण नहीं हो रहा है। सीएमओ डॉ. आरपी खंडूरी का कहना है कि स्वास्थ्य महानिदेशक को पत्र भेजा तकनीशियन की तैनाती का आग्रह किया गया है।