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कॉल सेंटर की आड़ में चल रहा था साइबर ठगी का खेल, सरगना दिल्ली से हुआ गिरफ्तार, कई लोगों को लगा चुका है चूना

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आजकल कॉल सेंटर की आड़ में साइबर ठग धोखाधड़ी के मामलों को बड़ी आसानी से अंजाम दे रहे हैं। ऐसे ही एक मामले का उत्तराखंड की ऊधमसिंह नगर पुलिस ने खुलासा किया है। आरोपी दिल्ली में कॉल सेंटर की आड़ में बैठ कर साइबर क्राइम की वारदातों को अंजाम दे रहा था और इंश्योरेंस कंपनी की पालिसी पर बोनस देने का लालच देकर ऑनलाइन फ्राड के जरिए लोगों को मोटी चपत लगा रहा था। पुलिस ने आरोपी को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। इस मामले में पुलिस इसी कॉल सेंटर के तीन कर्मचारियों को पहले भी गिरफ्तार कर चुकी है, जबकि पांच अन्य नाम और प्रकाश में आए हैं। गिरफ्तार आरोपी को पुलिस ने कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया है।

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ऊधम सिंह नगर एसएसपी मंजूनाथ टीसी ने पूरे मामले का खुलासा किया है। आरोपी के पास से पुलिस को कई मोबाइल, सिम और एटीएम कार्ड बरामद हुए हैं। एसएसपी ने बताया कि पंतनगर थाने में खीम सिंह मेहता निवासी शांतिपुरी ने तहरीर दी थी, जिसमें उन्होंने बताया था कि कुछ अज्ञात व्यक्तियों ने उन्हें फोन कर इंश्योरेंस पॉलिसी पर बोनस देने का लालच दिया था। खीम सिंह मेहता ने भी साइबरों ठगों के झांसे में आकर करीब 6 लाख 43 हजार रुपए की चपत लगावा ली। पुलिस ने मुकदमा दर्ज करते हुए मामले की जांच इंस्पेक्टर पंतनगर को दी।


मामले के खुलासे और आरोपियों तक पहुंचने के लिए पुलिस की 6 टीमों का गठन किया गया। इस दौरान पांच जून को सर्विलास की मदद से उत्तराखंड पुलिस की टीम मनावा बिजनेस मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड दिल्ली तक पहुंची। पूछताछ में पता चला की कंपनी सलीम खान व बॉस उसकी पत्नी अर्शी खान की है, जहां से पुलिस टीम ने तीन आरोपी विजय निवासी सुलतानपुरी नई दिल्ली, लोकेश उर्फ जतिन निवासी जनकपुरी दिल्ली और राहुल कुमार निवासी नई दिल्ली को गिरफ्तार कर जेल भेजा।

आरोपियों ने पूछताछ में कई राज उगले थे, जिसके बाद 9 जून को कंपनी के मालिक सलीम खान को पुलिस ने पंजाबी बाग के पास वेस्ट दिल्ली से गिरफ्तार किया गया। आरोपी के कब्जे से धोखाधड़ी में प्रयुक्त किये जाने वाले उपकरण भी बरामद किये गये, जिनसे आरोपियों ने कई जगह करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी की। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वो कॉल सेंटर की आड़ में अपने कर्मचारियों के साथ मिलकर पूरे भारत वर्ष में साइबर
धोखाधड़ी करते हुए आ रहा हैं। रजिस्टर्ड कॉल सेंटर की आड़ में लोगों को इन्शोरेंस पालिसी बोनस और अन्य प्रलोभन देकर उनसे ठगी कर पैसा फर्जी खातों मेंलिया जाता था। जांच के दौरान प्रकाश में आया कि गैंग का सरगना लोगों का प्राईवेट डेटा चुराकर बेचने वाले आरोपी प्रवेश चौहान से खरीदा
जाता था। इसके अलावा फर्जी सिम बेचनेवाले आरोप चन्दन कुमार झा को पुलिस टीम ने चिन्हित किया गया है, जबकि धोखाधड़ी का पैसा मनोज निवासी बुराड़ी द्वारा उपलब्ध कराये गये फर्जी खातों मे मंगाया जाता था और राहुल द्वारा अलग अलग एटीएम सेनिकालकर अभियुक्तगणों को लाकर देता था। प्रकाश में आए अन्य आरोपी अरसी खान, मनोज, राहुल,
प्रवेश चौहान और चन्दन कुमार झांकी गिरफ्तारी के लिए टीम हुए दबिश दे रही है।

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