देशनवीनतमहादसा

दुनिया में सबसे ज्यादा रोड एक्सीडेंट होते हैं भारत में, बीते साल इतने लाख लोगों की हुई मौत, केंद्रीय मंत्री ने बताया

Ad
ख़बर शेयर करें -

नई दिल्ली। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने रविवार को नई दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित ‘सांसदों की कार रैली 2025’ में सभी नागरिकों के लिए सड़क सुरक्षा के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने दुनिया भर में सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाओं के भारत के खतरनाक रिकॉर्ड पर प्रकाश डाला और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए जागरूकता कार्यक्रमों की आवश्यकता पर बल दिया।

Ad

उन्होंने कहा कि “सड़क सुरक्षा हर नागरिक के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। जब आप सड़क पर निकलते हैं, तो दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कई नियम होते हैं। दुनिया में सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं हमारे देश में होती हैं। यह चिंता का विषय है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा है कि सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाने चाहिए। इस कार्यक्रम में 50 से अधिक सांसदों ने हिस्सा लिया, जिसका उद्देश्य जिम्मेदार ड्राइविंग और सड़क सुरक्षा जागरूकता को बढ़ावा देना था। रैली में नई दिल्ली के ऐतिहासिक स्थलों को प्रदर्शित करते हुए सावधानीपूर्वक योजनाबद्ध मार्ग का अनुसरण किया गया, जिसमें प्रतिभागियों ने ट्रैफिक पार्क में रुककर बुनियादी ड्राइविंग नियमों की समीक्षा की और सड़क सुरक्षा संकेतों के बारे में अपने ज्ञान का परीक्षण किया।

मंत्री किरेन रिजिजू के बयान को जेके टायर एंड इंडस्ट्रीज के प्रबंध निदेशक अंशुमान सिंघानिया ने भी दोहराया, जिन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा केवल नियमों का पालन करने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका संबंध अंततः जीवन बचाने से है।

‘सांसदों की कार रैली 2025’ वार्षिक कार्यक्रम का नौवां संस्करण था, जिसकी संकल्पना जेके टायर और कॉन्स्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया द्वारा हितधारकों को एक साथ लाने और सड़क सुरक्षा जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए की गई थी। इससे पहले, केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बेहतर सड़क सुरक्षा उपायों को लागू करने की तत्काल आवश्यकता पर प्रकाश डाला और सड़क निर्माण उद्योग से नई प्रौद्योगिकियों और टिकाऊ पुनर्चक्रणीय निर्माण सामग्री को अपनाकर सड़क सुरक्षा बढ़ाने के लिए रणनीति विकसित करने का आह्वान किया।

नई दिल्ली में ‘विजन जीरो: सुरक्षित सड़कों के लिए सतत इन्फ्राटेक और नीति’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय वैश्विक सड़क अवसंरचना शिखर सम्मेलन और प्रदर्शनी (जीआरआईएस) का उद्घाटन करने के बाद बोलते हुए गडकरी ने कहा कि देश में अधिकांश सड़क दुर्घटनाएं सड़क डिजाइन, निर्माण और प्रबंधन में खराब सिविल इंजीनियरिंग प्रथाओं के साथ-साथ अनुचित सड़क संकेत और चिह्नांकन प्रणालियों के कारण होती हैं।

1.50 लाख से ज्यादा लोगों की गई जान
गडकरी ने कहा कि भारत में बीते साल 4,80,000 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 1,80,000 लोगों की मृत्यु हुई और लगभग 4,00,000 लोग गंभीर रूप से घायल हुए। उन्होंने बताया कि इनमें से 1,40,000 मौतें 18-45 वर्ष की आयु वर्ग के लोगों की हुईं, जिनमें दोपहिया वाहन चालक और पैदल यात्री सबसे अधिक हैं। उन्होंने आगे कहा कि इन दुर्घटनाओं से देश के सकल घरेलू उत्पाद में 3 प्रतिशत की आर्थिक हानि होती है।

सड़कों की खराब योजना और डिजाइन के कारण सड़क दुर्घटनाओं में वृद्धि के लिए मुख्य रूप से इंजीनियरों को जिम्मेदार ठहराते हुए केंद्रीय मंत्री ने घटिया विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) की ओर भी इशारा किया। उन्होंने कहा कि “सड़क सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए सरकार का लक्ष्य 2030 तक दुर्घटना दर में 50 प्रतिशत की कमी लाना है। केंद्रीय मंत्री ने उद्योग और सरकार से सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए समाधान खोजने में सहयोग करने का आग्रह किया, तथा सुरक्षित बुनियादी ढांचे के निर्माण में शिक्षा के महत्व और सुरक्षित ड्राइविंग आदतों के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने पर बल दिया।

Ad