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पिथौरागढ़ महिला अस्पताल में प्रसव के दौरान प्रसूता ने तोड़ा दम, नवजात की हालत भी नाजुक

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पिथौरागढ़। जिला महिला अस्पताल में प्रसव के लिए पहुंची एक गर्भवती की इलाज के दौरान मौत हो गई। मौत का कारण प्रसव के दौरान अधिक रक्तस्राव होना बताया जा रहा है। नवजात शिशु की भी स्थिति ठीक नहीं है। अस्पताल प्रबंधन ने नवजात को हायर सेंटर रेफर किया है।

पिथौरागढ़ नगर से लगे किरीगांव (ऐचोली) निवासी 29 वर्षीय कमला बिष्ट पत्नी पंकज बिष्ट को सोमवार देर रात प्रसव पीड़ा हुई। परिजन रात में ही महिला को लेकर जिला महिला अस्पताल पहुंचे। वहां महिला ने सामान्य प्रसव के दौरान एक पुत्र को जन्म दिया। नवजात को जन्म देते ही महिला की तबीयत बिगड़ गई। अस्पताल के अनुसार तत्काल महिला का ऑपरेशन किया गया। महिला की जान बचाने के लिए बच्चेदानी भी निकाली गई, लेकिन कुछ घंटों बाद महिला ने दम तोड़ दिया।

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महिला की मौत से परिजनों और स्थानीय लोगों में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर आक्रोश पैदा हो गया। लोग स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर स्वाल खड़े कर रहे हैं। जिला महिला अस्पताल में घटी घटना के बाद परिवार की खुशियां मातम में बदल गई हैं। नगर के किरीगांव (ऐचोली) में रहने वाले बिष्ट परिवार ने कभी सपने में भी यह नहीं सोचा होगा कि वर्ष 2025 का साल जाते-जाते उनके जीवन में हमेशा के लिए दर्द, पीड़ा छोड़ जाएगा।

सोमवार रात परिजन प्रसव पोड़ा होने पर कमला को खुशी-खुशी अस्पताल लेकर पहुंचे। उन्होंने सोचा होगा कि वर्ष 2026 से पहले उनके परिवार में एक और नया सदस्य शामिल होगा और घर में किलकारियां गूंजेंगी। किलकारी तो गूंजी, लेकिन जो मां परिवार के नए सदस्य को दुनिया में लेकर आई, वही अब इस दुनिया से चली गई।

ग्रामीणों के मुताबिक कमला दूसरी बार मां बनी थी। उनकी तीन साल की एक बेटी है। तब ऑपरेशन के जरिए प्रसव हुआ था। इस बार सामान्य प्रसव कराया गया। कमला के पति सेना में कार्यरत हैं। अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक उसने पुत्र को जन्म दिया। सिजेरियन की जगह नॉर्मल डिलीवरी होने से बच्चे की सांस अटक गई। उसे बमुश्किल दुनिया में लाया गया। उसकी गंभीर हालत को देखते हुए उसे अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज भेजा गया है. परिजन उसे लेकर अल्मोड़ा के लिए रवाना हुए और मां हमेशा के लिए इस दुनिया से विदा हो गई। नवजात भी जीवन के लिए मौत से संघर्ष कर रहा है।

जिला महिला अस्पताल की पीएमएस डॉ. भागीरथी गर्ब्याल ने कहा है कि कमला का पहला प्रसव ऑपरेशन से हुआ था। इस बार परिजनों के दबाव में प्रसव नार्मल करना पड़ा। रक्तस्राव अधिक होने पर तबीयत बिगड़ गई। जान बचाने की हरसंभव कोशिश की गई, लेकिन उसमें सफल नहीं हो सके।