चरस तस्करी में चम्पावत के सिपाही का नाम आने से हड़कंप, सिपाही ने शनिवार रात कराई थी आमद, रविवार को ड्यूटी से रहा नदारद

चम्पावत। ऊधमसिंह नगर जिले के किच्छा में शनिवार को आठ किलो चरस तस्करी मामले में चम्पावत पुलिस के एक सिपाही की संदिग्ध भूमिका ने नया मोड़ ले लिया है। कोतवाली में तैनात इस सिपाही ने सात दिन के अवकाश के बाद शनिवार की रात आमद कराई थी, लेकिन रविवार को वह ड्यूटी से गायब रहा।
कोतवाल धीरेंद्र कुमार ने बताया है कि सिपाही को ड्यूटी दी गई थी, पर वह ड्यूटी से नदारद है। आदेश का उल्लंघन करने के इस मामले की जानकारी उच्चाधिकारियों को दे दी गई है। एसपी लोकेश्वर सिंह ने कहा कि अगर सिपाही की चरस तस्करी में लिप्तता पाई गई, तो निलंबित करने के साथ उसके खिलाफ अन्य कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इधर, ऊधमसिंह नगर के एसएसपी दिलीप सिंह कुंवर ने बताया है कि चम्पावत कोतवाली के सिपाही से जल्द पूछताछ की जाएगी। इसके लिए सिपाही को यूएस नगर लाया जाएगा।

गृह जिले में तैनात संदिग्ध पुलिस कर्मियों पर नजर
चम्पावत। सिपाहियों के चरस तस्करी में लिप्त होने से पुलिस के उच्चाधिकारी सकते में हैं। इक्का-दुक्का पुलिस कर्मियों की करतूतों से पुलिस की छवि पर लग रहे दागों से बचने के लिए पुलिस के अधिकारी कड़े और बड़े कदम उठाएंगे। ऐसे लोगों को चिह्नित करने के साथ गृह जिले में ड्यूटी करने वालों को दूसरे जिलों में भेजा जाएगा। एसपी लोकेश्वर सिंह ने बताया है कि वर्दी की आड़ में तस्करी या किसी अन्य तरह के अपराध में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से लिप्तता रखने वाले पुलिस कर्मियों को चिह्नित किया जाएगा। खराब छवि, असामाजिक तत्वों के करीब रहने वालों की माली स्थिति की खुफिया रूप से पड़ताल की जाएगी। मूल रूप से चम्पावत जिले के निवासी पुलिस कर्मियों को दूसरे जिलों में स्थानांतरित करवाने के लिए उच्चाधिकारियों से संस्तुति की जाएगी। एसपी ने कहा कि अपराध और अपराधियों को किसी भी तरह का संरक्षण देने वाला बख्शा नहीं जाएगा।
